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हौंसले

5वीं कक्षा में पढ़ने वाली आरती आज विद्यालय नहीं आई थी। अध्यापिका ने छात्रों से पूछा, "आरती क्यों नहीं आई??"
छात्रों ने बताया, " कल रात उसकी माँ मर गई!!"
सुन कर अध्यापिका को बहुत दुख हुआ!!
आरती पढ़ने में होशियार थी। इसलिए अध्यापक उसके बारे में पूछ लेते थे। 
एक हफ्ते के बाद आरती विद्यालय आने लगी! 
एक महीना ही बीता होगा कि आरती ने फिरसे विद्यालय आना बन्द कर दिया। दो दिन बाद अध्यापिका ने छात्रों से पूछा, "आरती क्यों नहीं आ रही??" 
छात्रों ने बताया, "अब वह नहीं आएगी उसके पिता ने मना कर दिया है कि घर का काम करे!!"
अध्यापिका ने दूसरे दिन आरती को बुलाया। विद्यालय न आने का कारण पूछा!!
आरती बोली, "मैम मेरी माँ नहीं है। मुझे घर का सारा काम करना पड़ता है। इसलिए देर हो जाती है। पापा ने कहा, "मत जा विद्यालय!"
अध्यापिका बोली, "तेरा जब भी काम निपट जाया करे, तू विद्यालय आ जाया कर। 
आरती बोली, "मैम आप एक बार मेरे पापा से कह दो, वह मुझे विद्यालय भेजें!!"
अध्यापिका ने उसके पिता को बुलाया, "आरती को विद्यालय भेजने के लिए कहा!!"
उसके पिता बोले, "मैडम घर का काम बहुत है साथ ही पढ़ाई कैसे कर पाएगी??
समय पर विद्यालय आ भी नहीं पाएगी!!"
मैडम बोली, "दो घण्टे के लिए तो आ पाएगी, आप इजाजत तो दो!!"
ठीक है मैडम!!
आरती विद्यालय आने लगी! दो घण्टे, तीन घण्टे, जैसा उसे समय मिलता वह आ जाती!! मेहनती थी अच्छे नम्बरों से पास होती रही। 10वीं कक्षा 92% नम्बरों से पास करके आज आरती 11वीं कक्षा विज्ञान वर्ग की छात्रा है। 
उसके पिता जब भी अध्यापिका से मिलते हैं उनका धन्यवाद करते नहीं थकते। 
आरती अध्यापिका को अपना आदर्श मानती है। अपनी पढ़ाई का पूरा श्रेय अध्यापिका को ही देती है।

सीख:- हमारे प्रयास से अगर किसी का भला हो रहा हो तो हमें अवश्य करना चाहिए!!

स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान)

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2 Comments

hema mohril

20-May-2024 07:48 PM

Very nice

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Sarita Shrivastava "Shri"

19-May-2024 11:49 PM

👌👌

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