तुम्हारा कर्म ही तुम्हें सफलता दिलवाएगा
तुम्हारा कर्म ही तुम्हें सफलता दिलवाएगा
सफलता शतरंज की खेल की तरह है
सफलता और असफलता का
चोली दामन का साथ है
तुम्हारा कर्म ही तुम्हें सफलता दिलवाएगा।
सपनों की मंजिल पास नही होती
जिंदगी हर पल उदास नहीं होती
विश्वास कर लो अपने आप पर
तुम्हारा कर्म ही तुम्हें सफलता दिलवाएगा।
चुनौतियाँ हौसलों से कभी बड़ी नही होती
अड़चनें ही अनुभव का आधार बनती है
डर और खौफ़ इंसान के गुण नही है
तुम्हारा कर्म ही तुम्हें सफलता दिलवाएगा।
कुछ लोग अक्सर यही कहते है कि
किस्मत के लिखें फ़ैसले बदला नही करते है
सोच बदलो तो सितारे बदल जायेंगे
तुम्हारा कर्म ही तुम्हें सफलता दिलवाएगा।
मेहनत की कलम और विश्वास का कागज में
उम्मीदों की स्याही मिलकर लिखती है किस्मत
तलाश मंजिल की है तो तूफानों से डरना क्यों
तुम्हारा कर्म ही तुम्हें सफलता दिलवाएगा।
हिम्मत की ऊंगली पकड़कर सज्जनों
मेहनत के रास्ते पर चलना ही होगा
मुश्किलें भी बेहतरीन लोगों के हिस्से में आती है
तुम्हारा कर्म ही तुम्हें सफलता दिलवाएगा।
नूतन लाल साहू
hema mohril
23-May-2024 02:45 PM
V nice
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Gunjan Kamal
22-May-2024 08:34 PM
बहुत खूब
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