गर्मी
गर्मी
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पहले भी गर्मी झेली है पर वो गर्मी न खलती थी।
कुएं के बाहर की जमीन भी ए सी से शीतल लगती थी।।
मेरे घर में कुआं भी था उसके बाहर
जमीन ठंडी रहती।
पोंछा लगा कर लेटते थे बिन पंखा कूलर गर्मी कटती।।
वहां पर लेटने के खातिर आपस में झगड़ा करते थे।
पोंछा लगा कर भाई-बहन दोपहर में खर्राटे भरते थे।।
अब तो घर में पंखे, कूलर,ए सी तक हैं सब लगे हुए।
पर कुआं नहीं है घर में तो उस शीतलता से मसरूर हुए।।
कूलर,ए सी से बाहर निकलो तो हीट स्ट्रोक हो जाता है।
ज्यादा कूलर,ए सी में लेटो तो हड्डियों में दर्द हो जाता है।।
पहले कुओं का पानी पीकर पेट शुद्ध साफ रहता।
अब आर ओ का पानी पीकर तन बीमार बना रहता।।
पहले का ओ जीवन था मोटा अनाज सब खाते थे।
घर बाहर खुब काम करें मद मस्त सदा मुस्काते थे।।
"पथिक" करे विनती प्रभु से फिर से वो दिन लौटा दे।
खुशहाल रहें जग के प्राणी जीवन में खुशहाली ला दे।।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर।
Gunjan Kamal
03-Jun-2024 02:19 PM
👏🏻👌🏻
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HARSHADA GOSAVI
25-May-2024 08:37 AM
V nice
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