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लेखनी कहानी -27-May-2024

शीर्षक - स्वैच्छिक (प्यार.... उम्मीद)


प्यार एक शब्द नहीं है प्यार का मतलब हम बहुत अलग निकालते हैं बस प्यार को हम क्यों एक शब्द समझते हैं। जीवन में उम्मीद और आशाओं का नाम प्यार होता है परंतु हम सभी उस प्यार के नाम पर फरेब और स्वार्थ के साथ केवल अपना मतलब और सोच रखते हैं। प्यार और उम्मीद की इस कहानी में किरदार हम और आप या हम और अपना कोई नाम रख लेते हैं चलिए आप और हम दो नाम है अब आप प्यार करते हैं हमसे और हम प्यार करते हैं आपसे परंतु प्यार कैसा क्योंकि प्यार में तो हम सभी त्याग बलिदान और एहसास रखते हैं। प्यार तो मां बाप भाई बहन हम सभी करते हैं। परंतु सभी का मन भाव अलग-अलग होता है क्योंकि हमारे रिश्ते और हमारी सोच नाम के साथ चलती है आप और हम प्यार करते हैं परंतु हमारे प्यार का कोई रिश्ता है अगर रिश्ता है तो हम सब उसे रिश्ते को निभाते हैं। अब अगर हमने उस रिश्ते को निभा दिया तब हम या आप आपको स्वार्थ और कोई ना कोई मतलब जरूर निकाल लेंगे। तब प्यार और उम्मीद एक सच तो हम कह सकते हैं आप और हम सोचेंगे की यह तो सांसारिक नियम है लेने का देना। सच संसार में बहुत से नियम ऐसे हैं। जो प्यार भी करते हैं और निभाते भीे हैं। परंतु शायद वह निभाने से पहले उस इंसान यानी आप और हम का परीक्षा लेते है। और आप सोचें आप बहुत दूर हैं और आपसे आपका प्यार सोशल मीडिया पर हुआ है तब वह आपसे वह कोई जबरदस्ती दूर बैठा हुआ कर रहा और आप उसके साथ कई महीनो से बात कर रहे हैं। फिर भी आप उसे गलत समझ बैठे हैं और उसके प्रश्नों का कोई संतुष्टि पूर्ण उत्तर नहीं दिया। प्यार एक उम्मीद होती है और उसे उम्मीद में शायद आप और हम में से कोई ना कोई एक अनाथ और हालात का मारा भी हो सकता है तब आप उसके मन और भावों को कैसे समझ सकते हैं शायद वह आपको दिल ओ जान से चाहता है। हम परंतु हम तो अपने स्वार्थ में और वह दूर बैठा हमारे स्वार्थ को पहचान चुका है तब शायद उसने आपसे नाता तोड़ने का एक घिनौना तरीका निकाला और उसने ऐसी इच्छा प्रकट की कि आप उससे नफरत करने लगे और वह अपने जीवन में आपको भुला तो नहीं सकता परंतु प्यार एक उम्मीद आपको आपकी राह पर चलने के लिए सही राह दिखा सकता है अपने को गलत साबित करके यह भी तो एक प्यार एक उम्मीद है। आप को हम भूल नहीं सकता और पा भी नहीं सकता तब वह आपसे दूर तो हो सकता हैं। शायद यही आशा की किरण उसे प्यार में गढ़ लती सुधार करनें का सहयोग दे। वो ग़लत समझ कर उससे नफरत करें और वह दिल में तस्वीर को बसाकर जीवन जीता रहें। शायद यही प्यार एक उम्मीद हो सकती हैं।


नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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2 Comments

RISHITA

01-Jun-2024 07:38 PM

Nice

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HARSHADA GOSAVI

01-Jun-2024 04:10 PM

Amazing

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