Tabassum

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बेवफाई



बेवफाई- एक दंश

दूसरा भाग- 2

अभी तक आपने पढ़ कि डाक्टर माया को अपने पति अविनाश और दीपिका के अवैध संबंधों का पता चल जाता है

अब आगे......

अपना सूटकेस लेकर माया घर से निकली कदम बोझिल थे।

जा कर पार्क में बैठ गई। आंखें बंद करके चुपचाप बैठी हुई सोचने लगी अपने पुराने दिनों को एक भी बुरी यादें नहीं थीं इस दस साल के रिश्ते में।

मगर इसका हश्र बहुत बदसूरत था। प्यार और विश्वास का खून हुआ था।

काश! अविनाश उससे एक बार कह देते तो वो उन्हें खुद छोड़ देती।

उधर अविनाश को काटो तो खून नहीं।

माया उनका प्यार थी, उनकी जिंदगी थी, उन्होंने अपने प्यार को ही रूसवा कर दिया।

उसकी तो कभी कोई गलती ही नहीं थी। वो कभी ग़लत हो ही नहीं सकती।

ये उनसे क्या हो गया???

ग्लानि, हताशा में भर कर वो लगातार माया को फोन करने लगे। पर उसने उनका फोन नहीं उठाया।

ओह गॉड ! इस गुनाह का कोई प्रायश्चित नहीं है।

उसकी मोहब्बत का ये ईनाम दिया उन्होंने।

वो सबसे पहले कल हास्पिटल जा कर उससे अपने पाप के लिए माफी मांगेंगे क्या वो माफ करेगी उन्हें??? उनकी बेवफाई को भूल पाएगी??

वो भले ही वापस न आए पर उनके गुनाह को माफ कर दे
तो उनके लिए जिंदगी कुछ तो आसान होगी।

शायद माया शोभना के यहां ग‌ई होगी फोन करके पूछें नहीं वो ऐसा नहीं कर सकते।

कहीं माया कुछ...… ओह! नहीं माया कमजोर नहीं है।

इसी उधेड़बुन में सारी रात आंखों में बीत ग‌ई।

अविनाश ने न कपड़े बदले सुबह बिना कुछ खाए-पिए अस्पताल पहुंच गए।

जा कर अपने रूम में बैठ ग‌ए।

स्टाफ से कहा कि डाक्टर शोभना आएं तो उन्हें मेरे पास भेज देना

शोभना जब आई तो

अविनाश को देख कर बोली "गुड मॉर्निंग

अविनाश,एवरीथिंग इज ऑलराइट"

अविनाश का चेहरा बुझा हुआ था आंखें लाल चेहरे पर थकान थी।

कुछ ठीक नहीं है।

प्लीज ! शोभना मुझे बताओ माया तुम्हारे घर पर है क्या??

क्यों क्या हुआ?? शोभना परेशान हो ग‌ई।

वो कल शाम को घर से चली गई थी।

नहीं मुझसे उसकी कोई बात नहीं हुई। वो अभी तक अस्पताल भी नहीं आई है।

जैसे ही तुम्हारी उससे बात हो मुझे बताना।

करीब ग्यारह बजे चपरासी आ कर एक लिफाफा टेबल पर रख कर चला गया अविनाश ने खोल कर देखा तो माया का रेजिग्नेशन था।

वो कांप उठे नहीं माया तुम मुझे छोड़कर नहीं जा सकती उन्होंने अपना सिर पकड़ लिया।

इतने में दीपिका ने उनके रूम में एंटर किया आते ही उनके सामने बैठ गई।

अविनाश ने उसे चौंक कर देखा गुस्से में बोल उठे ये सब क्या है??? मेरे रूम में बिना नॉक किए मत आया करो।

क्या अब मुझे आपके रूम में आने की परमीशन लेनी होगी?? वह मुस्कराते हुए बोली।

"बिल्कुल"

तुम मेरे पास बिना मेरी इजाजत के नहीं आ सकती।

क्यों?? इससे पहले तो तुमने कभी ऐसा नहीं कहा था।

पर अब कह रहा हूं दूर रहो मुझसे।

दीपिका का चेहरा गुस्से से लाल हो गया मैं कोई तुम्हारे दिल बहलाने का साधन नहीं हूं।

मुझे "यूज एंड थ्रो" समझने की भूल मत करना।

तुम्हारी सारी इज्जत मिट्टी में मिला कर रख दूंगी।

सारी दुनिया को चीख चीखकर बताऊंगी कि मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनने वाली हूं।

मुझे माया समझने की भूल मत करना वो तुम पर आंखें बंद कर करके विश्वास करती रही और तुमने उसके साथ क्या किया???

धोखेबाज इंसान

अगर अपना भला चाहते हो तो माया को तलाक देकर मुझसे शादी कर लो।

अविनाश का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।

ठीक है तुमसे शादी करुंगा। माया को डिवोर्स दे दूंगा।

पर बच्चा होने के बाद ये सब होगा सबसे पहले बच्चे का डीएनए टेस्ट होगा।

क्या तुम्हें मुझ पर शक है??

दीपिका ने लग‌भग चीखते हुए कहा।

सबूत चाहिए तुम्हें घटिया इंसान

मैं तुम्हारा पीछा नहीं छोडूंगी। वह धड़धड़ाते हुए बाहर निकल गई।


कहानी का अंत अगले भाग में हो जाएगा....!!

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3 Comments

Aliya khan

01-Jun-2024 07:49 PM

Nice

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RISHITA

01-Jun-2024 07:37 PM

Amazing part

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Abhinav ji

28-May-2024 12:29 AM

Nice👍

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