छोटी-सी कोशिश (कविता) स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु 06-Jun-2024
एक छोटी सी कोशिश स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु
जीवन में कुछ पाना है तो एक छोटी सी कोशिश कर लो। खुशियों के फूल खिलाना है तो बस मेहनत को तुम वर लो।।
गर्व से जीवन जीना है तो छोटी सी कोशिश कर लो। गरबीली बस बातें ना हो कर्मठता को तुम वर लो।।
वर्तमान कलुसित ना होवे छोटी सी कोशिश कर लो। देवत्व धरा पर लाना है तो सात्विकता को तुम वर लो।।
भावरोगों से पार जो चाहो छोटी सी कोशिश कर लो। सतसंगत से यह आती है बस इसको ही तुम वर लो।।
धरा को स्वर्ग बनाना है तो छोटी सी कोशिश कर लो। युग प्रज्ञा बस यही है कहती मुदित भावना को वर लो।।
विश्व बंधुत्व ले आना है तो छोटी सी कोशिश कर लो। युग निर्माण का होगा साक्षी उत्साह,उमंग को तुम वर लो।।
हर दिन पूनम सा करना है तो छोटी सी कोशिश कर लो। परहित में तुम झोंको सब कुछ स्वांत: सुखाय को ना वर लो।।
श्रेष्ठ उपहार मनुज तन पाए श्रेष्ठता हेतु कोशिश कर लो। चिंतन कभी न होवे विकृत सुसंस्कृति को तुम वर लो।
दृढ़ता का सागर बन जाओ छोटी सी कोशिश कर लो। राह कभी ना रोके कोई संवेदना,मनुजता को वर लो।।
जग से रिश्ता मीठा होवे छोटी सी कोशिश कर लो। बहता जाए मीठा झरना मुस्कान, मृदुभाषिता को वर लो।।
साधना शाही, वाराणसी
Anjali korde
07-Jun-2024 06:56 AM
Amazing
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