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अब बजेगा बेंड पार्ट 6

"मैं गंगा नदी की तरह पवित्र हूं, जिसमें सब डुबकी लगाकर अपना पाप धो जाते हैं पर गंगा नदी हमेशा पवित्र रहती है, मेरी कोई सेटिंग नहीं है"।

"यह जानकर मुझे इतनी खुशी हो रही है जिसका तुम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हो, आई एम सो लकी, अब यह बताओ, मैं तुम्हें कैसी लगी"? राधिका ने पुछा

"राधिका की डुप्लीकेट, फोटो कॉपी जैसी"। धर्मेंद्र ने कहा

"यह राधिका कौन है"? वंशिका ने आश्चर्य से पूछा

"मेरा मतलब,भगवान श्री कृष्ण को जेसी राधिका लगती है, वैसी ही मुझे वंशिका लगती है"।

"लगता है तुम, भगवान श्री कृष्ण के बहुत बड़े भक्त हो"।

"महाकाल का भक्त हूं, अभी 2  दिन से उनका चक्कर में लगा हूं, देखते हैं आगे क्या होता है"?

"आगे भी अच्छा ही होगा"। वंशिका ने विश्वास से कहा

फिर धर्मेंद्र और वंशिका नीचे आते हैं उन्हें देखकर धनराज अपनी बुलंद आवाज में कहते हैं -"अगले हफ्ते तुम दोनों की शादी फिक्स कर दी है"।

यह खबर सुनकर धर्मेंद्र वंशिका बहुत खुश होते हैं फिर धनराज और वंशिका चले जाते हैं, उनके जाने के बाद धर्मेंद्र के पिता उसे 1लाख रूपए देते हैं और कहते हैं-"डीजे वाले को, टेंट वाले को, बर्तन वाले, को घोड़ी वाले को, सबको बयाना दे कर आ जाओ"।

"एसे अनाप-शनाप पैसा खर्च मत करो, नहीं तो 1 दिन कटोरा लेकर गांव में भीख मांगनी पड़ेगी"। धर्मेंद्र की मां ने जाते हुए कहा

"तेरी मां, मुझे कंजूस खानदान की लगती है, ले 1हजार और ले जा और कोई अच्छी वाली ब्रांडेड दारू लेकर आना, दोनों बाप बेटे साथ में पिएंगे"।

आगे कहानी

रात 10:00 बजे घर की छत पर धर्मेंद्र और उसके पिता शराब पी रहे हैं, तब धर्मेंद्र के पिता पुछते हैं, सबको बयाना दे दिया है ना"।

"हां सब को दे दिया है, बस घोड़ी वाले को नहीं दिया"।

"घोड़ी वाले को, क्यों नहीं दिया गधे"?

"क्योंकि घोड़ी वाले की घोड़ी, घोड़े के साथ भाग गई, ऐसी समस्या मेरी शादी में ना आए, इसलिए मैंने लंगड़ी हाथी वाले को बयाना दिया है"।

"अरे वाह, तू तो बहुत समझदार है, मैं तुझे मजाक में गधा बोलता हूं, बुरा मत मानना"।

"मैं भी आपको दोस्तों के सामने गधा और कुत्ता बोलता हूं आप भी बुरा मत मानना पापा"।

"बाप को गधा और कुत्ता बोलता है, नालायक, भाग जा यहां से"।

"क्लाइमैक्स"आगे कहानी

सुबह के 12:00 बज गए हैं और धर्मेंद्र भैया सो रहे हैं, तभी धर्मेंद्र का फोन बजता है, जो वंशिका ने लगाया है।

"इतनी सुबह-सुबह क्यों फोन लगाया है, जानू"? धर्मेंद्र ने पूछा

"दोपहर के 12:00 बज गए हैं, खैर यह सब छोड़ो, तुमने धोखेबाज गार्डन का नाम सुना है, जल्द से जल्द वहां आ जाओ, मैं, तुम्हें अपनी जान से मिलाना चाहती हूं"। राधिका ने कहा

"सुबह-सुबह मेरा खोपड़ा खराब मत करो, तुम्हारी जान मैं हूं या कोई और है"? धर्मेंद्र ने गुस्से में पूछा

"अरे तुम भी मेरी जान हो पर वह जान से भी ज्यादा है, तुम आकर मिलोगे तो सब कुछ समझ जाओगे"। राधिका ने बताया

"मैं बिना नहाए-धोए ही आ रहा हूं, देखता हूं, कौन है तुम्हारी जान"? धर्मेंद्र ने उठते हुए कहा

फिर धर्मेंद्र अपने दोस्त राजू को लेकर धोखेबाज गार्डन पहुंचता है-" राजू, तू इधर जाकर ढूंढ, मैं उधर जाकर ढुंढता हूं"। धर्मेंद्र ने राजू से कहा

"राजू को वह दिखाई देती है, तो राजू उसके पास जाकर कहता है-" नमस्कार राधिका भाभी जी"।

"वह लड़की  राजू को एक तमाचा जड़ते हुए कहती है।

"भाभीजी होगी तेरी मां और मेरा नाम राधिका नहीं वंशिका है, बदतमीज, बंदर कहीं का, कौन है तू"?

"तुम मुझे नहीं जानती, हम उस दिन रोड पर मिले थे"। राजू ने बताया

"तेरी मेंढक जैसी शक्ल, मैंने आज पहली बार देखी है, चला जा यहां से, नहीं तो मुंह फोड़ दूंगी"! राधिका ने धमकाते हुए कहा

"उधर दूसरी तरफ धर्मेंद्र को राधिका मिल जाती है और वह उसे वंशिका समझ कर कहता है-" कौन सी जान से मिलने बुलाया है, तुमने मुझे"?

"अरे धर्मेंद्र तुम यहां कैसे"? राधिका ने आश्चर्य से पूछा

"तुम ही ने तो बुलाया है, फोन लगाकर, अपनी जान से मिलाने, बताओ कौन है, तुम्हारी जान"? धर्मेंद्र कहां

"अरे मुझे खुद यहां किसी और ने बुलाया है, मैंने, तुम्हें कब बुलाया, तुम्हारा दिमाग तो ठीक है"? राधिका ने बताया

धर्मेंद्र को संदेह होता है और वह पूछता है तुम राधिका हो या वंशिका"? धर्मेंद्र ने अपनी जुबान काटते हुए कहा

"ऑफ कोर्स राधिका और यह वंशिका कौन है"? राधिका ने संचय से पूछा

"वंशिका मेरी बहन है, मैं उसी से मिलने यहां आया हूं, कुछ जरूरी काम है मैं, थोड़ी देर में उससे मिलकर आता हूं ओके"।

"ठीक है"! राधिका ने कहा

राधिका आगे जाती है तो उसे राजू मिल जाता है, वह राजू को देखकर पूछती है-" अरे राजू, तुम यहां क्या कर रहे हो"?

"अभी थोड़ी देर पहले तो तुमने, मुझे पहचानने से इंकार कर दिया था और इतनी जल्दी पहचान लिया"। राजू में पूछा

"तुम मुझे कब मिले, मैंने तो तुम्हें अभी देखा"।

"थोड़ी देर पहले ही तो मिले थे और तुमने मुझे मारा"। राजू ने अपने गाल पर हाथ रखते हुए कहा

"भांग पी कर आए हो क्या"? उस तरफ धर्मेंद्र अपनी बहन वंशिका को ढूंढ रहा है, जाओ उसकी मदद करो"। यह कह कर राधिका चली जाती है

फिर राजू अपने मन में विचार करता है धर्मेंद्र अपनी बहन से मिलने आया है या अपनी सेटिंग से कुछ समझ नहीं आ रहा है, यहां आखिर हो क्या रहा है"?

धर्मेंद्र इस बात को अच्छे से समझ जाता है कि राधिका और वंशिका यहीं है, अब यहां से चुपचाप निकलने में ही उसकी भलाई है, नहीं तो भांडा फूट जाएगा, धर्मेंद्र छुपते छुपाते गेट के पास आता है, तभी उसे राजू दिखाई देता है।राजू धर्मेंद्र को देखकर कहता है-" धर्मेंद्र"! "तू, अपनी सेटिंग से मिलने आया है या अपनी बहन से मिलने आया है, वह राधिका तो कह रही थी, तू, अपनी बहन से मिलने आया है और तूने कहा था, सेटिंग से मिलना है, पहले मुझे राधिका ने पहचानने से मना कर दिया और चांटा मारा फिर थोड़ी देर बाद पहचान लिया, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, यहां क्या हो रहा है"? राजू ने चिंतित भाव से कहा

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2 Comments

Babita patel

03-Jul-2024 08:37 AM

👍👍

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Varsha_Upadhyay

12-Jun-2024 04:41 PM

Nice one

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