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रिश्ते

हाथ पकड़ कर साथ चलेंगे, 

राहें आसां हो जाएंगी।
जीत का जज्बा मन में रखो, 
फतह मुक्कमल हो जाएगी।
कौन है आगे कौन है पीछे, 
इसकी तू परवाह न कर।
तूने जितना लक्ष्य बनाया, 
कामयाबी उतनी मिल जाएगी।

सदा हौसला खुद पर रखना, 
कोई तेरे संग नहीं।
रोशनी में संग है साया, 
अँधियारे में संग नहीं।
इस दुनिया के रिश्ते हैं सब, 
स्वार्थ और मतलब के।
स्वार्थ भरे इस भव सागर में, 
पिता पुत्र भी संग नहीं।

सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान)

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1 Comments

Sarita Shrivastava "Shri"

14-Jun-2024 11:43 PM

👌👌

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