आयत की चालाकी
नेहा की बात सुनकर आयत कुछ देर शांत खड़ी रहती हैं। आयत को इस तरह खड़ा देख कर नेहा फिर उससे कहती हैं।
नेहा - " अब बोलोगी कुछ या ऐसे ही खामोश खड़ी रहोगी। " आयत हिम्मत जुटा कर नेहा की बात का जवाब देते हुए उससे कहती से है।
आयत - " अरे मैं बनवा दूंगी यार मैं कोई ऐसे वैसी घर की लड़की नहीं हूं । मेरे लिए 20 , 30 , हजार कोई मायने नहीं रखते । तुम ना एक काम करो मेरा नंबर लिख लो जब गाड़ी बन जाए ना तो तुम मुझे फोन कर देना । जितना पैसा होगा मैं उस गैराज वाले को ऑनलाइन पेमेंट कर दूंगी । वो क्या है ना इस वक्त मेरे पास कैश नहीं है ।"
नेहा - " चलो अब अपना नंबर दो ।"
आयत- "हां , हां लिखो , जितना भी हो मुझे कॉल करके बता देना मैं पेमेंट कर दूंगी ।"
नेहा - " हां , हां देखती हूं पेमेंट तो तुम्हें करनी ही पड़ेगी ।"
आयत- " ओ भाई साहब अपनी बहन को समझा लो थोड़ा ।"
जैन- "Excuse me , ये मेरी बहन नहीं है ।"
आयत- " ओ आपकी दोस्त है । सॉरी सॉरी वो क्या है ना आप दोनों की शक्ल काफी मिलती है । इसलिए मुझे लगा शायद ये आपकी बहन है। "
इतना कहकर आयत अपनी गाड़ी में वापस बैठ जाती है। और वहा से चली जाती है।
फिर जैन और नेहा गाड़ी को ठीक करवाने के लिए गैराज लेके जाते है। और उसे ठीक करवा कर जैन बिल लेता है। तभी नेहा कहती है......
नेहा- " रुको मै अभी उस लड़की को फोन करती हूँ। "
जैन - "नहीं नहीं जाने दो , और तुम्हें क्या लगता है फोन उठाएगी वो। 20000 का बिल बना है ज्यादा पैसे नहीं है । मैं दे दूंगा इतने से पैसे के लिए क्या किसी को परेशान करना ।"
नेहा - " नहीं जैन ऐसे लोगों को सबक सिखाना जरूरी होता है ।"
इतना कहकर नेहा आयत को कॉल लगाती है । आयत फोन उठाती है , और कहती है......
आयत - " हेलो कौन ! कौन बोला रहा है। "
नेहा - " हेलो मैं वही बोल रही हूं जिसकी सुबह आज तुमने गाड़ी की हेड लाइट तोड़ थी। उसका बिल ₹20000 बना है पेमेंट कर दो । "
इतना सुनकर आयत मन ही मन में सोचने लगती है । ओत्तेरी इसने तो सही में कॉल कर दी अब मैं क्या बोलूं मेरे पास तो पैसे भी नहीं है कि मैं पेमेंट कर दे।
आयत -" कौन सी गाड़ी और ये आप क्या बोले जा रही है मैडम ।"
नेहा - " अरे आप ही ने तो बोला था पेमेंट करने के लिए कहा था। "
आयत फोन को उसे दूर करके हेलो हेलो करके फोन कट कर देती है ।
जैन- " मिल गए पैसे , कर लिया फोन, हो गई तसल्ली तो अब मैं पेमेंट कर दू । "
नेहा -" हां! "
जैन - " तुम भी ना नेहा कमाल करती हो ।"
नेहा- " अगर वो लड़की मुझे कही मिल जाए ना तो मैं उसे बताती हूं । कि कैसे उन जैसे लोगो से पैसे लिए जाते हैं । "
जैन - " चलो अब जाने भी दो नेहा इतना गुस्सा नहीं करते हैं। "
इतना कहकर जैन वर्कर को पेमेंट करता है और फिर दोनों वहां से घर के लिए निकल जाते हैं । पहले जैन नेहा को घर जोड़ता है। फिर अपने घर आता है । घर पहोचते ही जैन सीधा अपने रूम चला जाता है।
जैन के सुबह से घर पर ना होने की वजह से उसकी की मां बहुत परेशान थी । जैन के घर पर आते ही, उसकी माँ उसके कमरे में जाती हैं ।और कहती हैं......
माँ- " कहां गायब थे बेटा तुम सुबह से तुम्हें पता है मैं कितना परेशान थी तुम्हारे लिए । "
जैन स्माइल करते हुए अपनी मां के पास आता है ,और उन्हें गले लगा कर कहता है ......
जैन-" अरे मौम आप इतना क्यों परेशान होने लगती है। देखो मै बिल्कूल ठीक हूं। "
माँ - " हाँ मुझे पता है तूम बिल्कुल ठीक हो। पर रात में जो तुम्हारे और डैड के बीच हुआ । उसकी वजह से मैं बहुत फिक्रमंद थी बेटा तुम्हारे लिए ।"
जैन-" आप उसके लिए परेशान मत हो मौम मुझे पता है कि डैड को कैसे मनाना है बस आप मेरा साथ देती जाओ। "
माँ -" मै तो तुम्हारे साथ हमेशा हूं बेटा। बस तुम अपने डैड को ज्यादा परेशान नहीं किया करो। "
इतने में वहा जहरा आ जाती है नास्ते के लिए बुलाने ।
(जहरा जैन के बचपन से ही उसके घर में काम करती थी।)
आप लोगों को क्या लगता है ? , उस रात जैन और उसके डेड के बीच क्या बात हुई होगी जिसके बारे में जैन की मां , जैन से कह रही थी ?, जाने के लिए अगला चैप्टर जरूर पढ़े। साथ ही इस चैप्टर को लाईक और शेयर करे।