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सच्चा नोकर

सच्चा नौकर

एक लड़का,,,,अपने मुंह पर, काला कपड़ा बांधकर चुपके से एक कमरे में आता है, उस कमरे में, उस घर का मालिक, गहरी नींद में सो रहा है, फिर वह लड़का, चुपके से, सो रहे, सेठ के तकिये के नीचे से चाबी निकालता है और अलमारी खोलकर, सारे पैसे निकाल लेता है और चाबी वापस तकिये के नीचे, रखकर चुपके से चला जाता है फिर वह, एक कमरे में आकर, अपना बैग खोलता है और कुछ पैसे उसमें छुपाता है, बाकी अपनी जेब में रखकर चला जाता है कुछ देर बाद सेठ की नींद खुलती है तो वह कैलेंडर का पर्चा फाड़ता है और कहता है -"आज महीना खत्म हो गया है, घर के नौकरों को तनख्वाह बाट देता हूं"! फिर वह अपने बेटे को आवाज लगाता है -"रोहित,,,,बेटा रोहित"! "जी पापा, आपने बुलाया"! रोहित ने आकर पूछा

"बेटा,,,अपने ड्राइवर, धर्मेंद्र को बुला लाओ"!

कुछ देर बाद धर्मेंद्र ओर रोहित कमरे में आते हैं -"मालिक,,,आपने मुझे बुलाया"! धर्मेंद्र ने पूछा "हां, यह लो, तुम्हारे इस महीने की तनख्वाह ओर 1000,तुम्हारी ईमानदारी और अच्छे काम का इनाम, जब से तुम आए हो, घर में एक बार भी चोरी नहीं हुई है, पहले तो रोज कुछ ना कुछ चोरी होता था"! सेठ ने पैसे देते हुए कहा "मालिक,,,,वह खाना बनाने वाली रेखा बाई, रोजाना खाना चुराकर ले जा रही है, उसके चार छोटे-छोटे बच्चे हैं और उसका पति भी मर चुका है, इसलिए मैं, उसे चोरी करने से रोकता नहीं हूं, आप उसकी तनख्वाह बढ़ा दो या फिर उसे रोज खाना ले जाने की परमिशन दे दो, ताकि वह यह मजबूरी की चोरी करना बंद कर दें"! धर्मेंद्र ने कहा "वाह,,,कितनी अच्छी सोच है तुम्हारी, काश तुम मेरे ड्राइवर नहीं, मेरे बेटे होते हैं, हम इसी महीने से रेखा की तनख्वाह बढ़ा देंगे और उसे यहां से रोज खाना ले जाने की परमिशन देते हैं"! सेट में कहां "मालिक,,भगवान ने आपको जितनी दौलत दी है, उतना ही बड़ा दिल भी दिया है, आप हम जैसे गरीबों के लिए कितना कुछ करते हो, भगवान आपको दिन दुगनी, रात चौगुनी, तरक्की कराए"! धर्मेंद्र ने कहा "अरे,,,बस कर यार, ज्यादा तारीफ मत कर, नहीं तो मुझसे घमंड आ जाएगा"! सेठ ने कहा "अरे,,,आप तो भगवान का दूसरा रूप हो, मालिक,,,,आपने मुझे नौकरी दी, रहने के लिए घर दिया, आप सच में बहुत बड़े दयालु हैं"! धर्मेंद्र ने कहा "नौकरी मिल गई, घर मिल गया, अब कोई अच्छी लड़की देखकर शादी कर ले, शादी के लायक हो गया है तू, या शादी भी मैं कराऊं, कोई अच्छी लड़की ढूंढ कर"! सेट में कहा धर्मेंद्र शरमाते हुए वहां से चला जाता है फिर सेट अपने बेटे से कहता है -"बहुत समझदार और ईमानदार लड़का है, "धर्मेंद्र"! "ईमानदार नहीं, चोर है चोर पर आपकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई है अभी थोड़ी देर पहले मैंने उसे आपकी अलमारी से पैसे चुराते देखा है रोहित ने बताया वह चोरी नहीं कर सकता फिर सेठ अपनी अलमारी खोल कर देखता है वहां से सभी पैसे गए थे अरे यहां क्या ढूंढ रहे हो पापा तुम्हारे ड्राइवर के कमरे में जाकर ढूंढो रोहित ने कहा फिर से टू रोहित धर्मेंद्र कमरे में आते हैं वह सेठ धर्मेंद्र से पूछता है क्या तुमने मेरी अलमारी से पैसे चोरी किए हैं मां की कसम मालिक मैं तो सुबह से तुम्हारे कमरे में नहीं गया मैं गरीब जरूर हूं पर कर नहीं हूं धर्मेंद्र ने कहा अरे पापा इसके बाग में देखो वही छुपाए होंगे उसने रोहित ने कहा फिर रोहित बाग खोलकर दिखता है तो उसमें से बहुत सारे पैसे निकालते हैं यह देखकर सेट गुस्सा हो जाता है और धर्मेंद्र से कहता है बेटे से ज्यादा विश्वास करता था तुझ पर विश्वास घाती सेठ ने तमाशा जागते हुए कहा अगर तुझे पैसों की जरूरत थी तो एक बार कह देता मन नहीं करता पर चोरी करना तुम गरीबों की पुरानी आदत है चल जाए यहां से और आज के बाद कभी अपनी शक्ल मत दिखाना फिर धर्मेंद्र अपना बैग उठाकर चल जाता है फिर रात को 12:00 बजे सेठ के पास उसके संधि का फोन आता है नमस्कार सुन दीजिए देखने कहा अरे के का संधि तुम्हारे घर अपने घर की खुशियां ना दूं मेरी बेटी के सपने देखना बंद कर दो तुम्हारा लाडला बेटा नाइट क्लब में ऐसी कर रहा है अच्छा हुआ जो मैंने अपनी आंखों से देख लिया नहीं तो मेरी बेटी की जिंदगी खराब हो जाती फिर से अपने घर में छोड़कर अभी की आवाज सुनता है तो गुस्से से नीचे आता है और अपने नशे में धूप बेटे को उसके नशेड़ी दोस्त के साथ बात करते हुए सुनता है अरे धीरे बोल तेरा बाप फूट जाएगा दोस्त ने कहा मैं अपने पागल आप को रोज खाने में चार नींद की गोली देता हूं और रात को उसके अलमारी से पैसे चुराता हूं और इल्जाम धर्मेंद्र जैसे वफादार नौकरों पर लगाता हूं मैं पागल आप ने इंसान को परखने की कल नहीं है बिल्कुल सही कहा बेटा तुमने तुम्हारे पागल आप में सच्चे इंसान को परखने की कल नहीं है इसीलिए तुम्हारी आज तक की सभी गलतियों को माफ करता हूं क्योंकि वह गलतियां तुमने नहीं मैं की है पर आज के बाद अगर ऐसी गलती दोबारा की तो तुम्हारी खाल उधर दूंगा सेट में जाते हुए कहां पापा इतनी रात को कहां जा रहे हो रोहित ने पूछा अपने असली बेटे को ढूंढने सेठ ने कहा धर्मेंद्र फुटपाथ पर एक भिखारी के पास बैठा है बातें कर रहा है और सेठ उसके पीछे आकर खड़ा हो जाता है तब वह फुटपाथ का भिखारी धर्मेंद्र से कहता है अरे यार जब चोरी तेरे सेठ के बेटे ने की थी तो सच बता देता है अगर उनको पता चलता है कि उनका बेटा चोर है तो उन्हें बहुत दुख होता इसीलिए मैंने इल्जाम अपने सिर पर ले लिया धर्मेंद्र ने बताया अब आगे क्या करने का मन है भिखारी ने धर्मेंद्र से पूछा सुबह गांव चला जाऊंगा धर्मेंद्र ने कहा अभी तो एक ही चांटा मारा है अगर गांव जाने का नाम लिया तो बहुत मारूंगा सेठ ने धर्मेंद्र के पीछे से कहा धर्मेंद्र उठकर देखा है उसके सेट हाथ जोड़ खड़े हैं फिर वह सेट धर्मेंद्र के फॉर्म पड़कर रोते हुए कहता है मुझे माफ कर दे यार मुझे बहुत बड़ी भूल हो गई अरे सेठ जी आप मुझे किस पाप में डाल रहे हो धर्मेंद्र इंसेंट को उठाते हुए कहा आज से तू मेरा सच्चा नौकर नहीं सच्चा बेटा है सेठ ने धर्मेंद्र को गले लगाते हुए कहा

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