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लड़कीबाज

बारिश में सेटिंग

माय डियर चांदनी

मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं!

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तुम्हारा आशिक

धर्मेंद्र

धर्मेंद्र ने लव लेटर लिखा और उसे रॉकेट बनाकर चांदनी की बालकनी में उड़ाया और अपने दोस्त से कहा -"देख अभी 10 मिनट के अंदर अंदर वह रिप्लाई देगी"!

"तू फोकट में इतना खुश मत हो,मुझे लगता है वह तुझे जानती भी नहीं है"!दोस्त ने कहा

"अरे पागल"! "उस दिन, 56 दुकान पर जब हम दोनों, आइसक्रीम खा रहे थे, तब कैसे, मुझे टुकुर-टुकुर देख रही थी, तूने भी तो देखा था"!

"तूने नीचे गिरी हुई आइसक्रीम उठाकर खाई थी, इसलिए वह तुझे देख रही थी"! दोस्त ने कहा

"जल कुक्कड़"! "जल मत, बराबरी कर, बराबरी, देखना जब वह बालकनी में आएगी तो लव लेटर पढ़कर, फटाफट रिप्लाई देगी"! धर्मेंद्र ने उम्मीद से कहा

"1 घंटे बाद"

"एक घंटा हो गया, ना तो वह आई, ना उसका रिप्लाई आया, चल घर चलते हैं"! दोस्त ने कहा

"थोड़ी देर और रुक जा यार"! "आज रिप्लाई लेकर ही चलेंगे"! धर्मेंद्र ने कहा

"ऊपर देख तेरे बाप, बादल कैसे गरज रहे हैं, मुझे तेरे चक्कर में पानी में नहीं भीगना, चलना हो तो चल, नहीं तो यही मर, में चला,"!दोस्त ने बाइक स्टार्ट करते हुए कहा

"तेरे पास बाइक है तो ज्यादा होशियार मत बन, ₹50 का पेट्रोल मैंने ही डलवाया है, मेरे खून पसीने की कमाई से ही तेरी गाड़ी यहां तक पहुंची है, तू, मुझे आधे, अधूरे सफर में अकेला छोड़कर नहीं जा सकता है"! धर्मेंद्र ने कहा

"आखरी बार पूछ रहा हूं, चलता हो तो चल और यह तेरे ₹50 भर ले तेरी जेब में"! दोस्त ने ₹50 फेंकते हुए कहा

"अबे मतलबी, खुदगर्ज, तेरी मदद के बिना भी मैं, अपनी सेटिंग पटा लूंगा"! धर्मेंद्र ने ₹50 उठाकर, जाते हुए दोस्त से से कहा

थोड़ी देर बाद बारिश शुरू हो जाती है तो धर्मेंद्र एक पेड़ के नीचे आकर खड़ा हो जाता है और अपने मन में सोचता है,,

-,"पता नहीं आज, क्यों बाहर नहीं आ रही है, कहीं उसकी तबीयत तो खराब नहीं हो गई, यही पेड़ के नीचे इंतजार करते करते धर्मेंद्र को दोपहर के 2:00 बज जाते हैं, तभी धर्मेंद्र का फोन बजता है, यह फोन उसी दोस्त का है जो उसे छोड़ कर गया है, वह पूछता है , -"धर्मेंद्र रिप्लाई आया कि नहीं"!

"तुझे उससे क्या मतलब"? "तू अपने काम से काम रख धोखेबाज, तू पढ़ते पानी में मुझे अकेला छोड़ कर गया है, यह बात याद रखना"! धर्मेंद्र ने कहा

"अरे मुझे, तुझसे बात करने का कोई शौक नहीं है, तेरे खसम मकान मालिक का फोन आया था, उसे शाम तक किराया चाहिए, पिछले महीने का किराया मेने दिया था, इस महीने तेरी बारी है, शाम तक किराया दे देना"! दोस्त ने कहा

"अरे रोहित, मेरे भाई, मेने तुझे बताया तो था, मेरे घर चोरी हो गई है इसलिए पापा ने इस महीने ना तो पाकेट मनी भेजी, ना रूम का किराया भिजवाया, इस महीने और संभाल ले यार, अगले महीने दे दूंगा"! धर्मेंद्र में सरलता से कहा

"मुझे कब बताया कि तेरे घर चोरी हो गई है, मैंने अभी थोड़ी देर पहले, तेरे बाप से बात की है मक्कार, उन्होंने कहा 1 तारीख को ही पैसे भेज दिए हैं, थोड़ा कम झूठ बोला कर झूठे"! मोहित ने कहा

"कम ही तो झूठ बोल रहा हूं, अरे यार, अब तुझसे क्या छुपाना, उन्होंने 1 तारीख को पैसे भेजे थे और 2 तारीख को अपनी पड़ोसन नेहा का जन्मदिन था तो मैंने सारे पैसे उसके जन्मदिन पर उड़ा दिए"! 

"कुत्ते कमीने, तुझे अच्छे से पता है, नेहा, मेरी सेटिंग है फिर  तु उसके पीछे क्यों पड़ा है, मैं तेरी चवन्नी की भी मदद नहीं करूंगा"! मोहित ने स्पष्ट कहा

"अरे बेवकूफ"! "वह तुझ पर नहीं पैसे वालों पर मरती है और मैंने जो भी किया है, तेरे लिए ही किया है, खर्चा मेरा, नाम तेरा, थोड़ा समझा कर यार, तेरी सेटिंग कराने के लिए ही  वह पैसे खर्च किए हैं"! 

"तू सच बोल रहा है, खा भगवान की कसम"! मोहित ने कहां

"काले टेकरी वाले काले बाबा की कसम, मैं सच बोल रहा हूं"! धर्मेंद्र ने कहा

"यह काला बाबा कौन है"? मोहित ने पूछा

"अरे, मेरे गुरुजी है, मैं उन्हें भगवान से भी बढ़कर मानता हूं, चल फोन रख, मेरी सेटिंग चांदनी, बालकनी में आ गई है"! 

चांदनी बालकनी में आकर अंगड़ाई लेती है और उस लव लेटर को कचरा समझकर बालकनी से नीचे फेंक देती है और फिर घर के अंदर चली जाती है तो धर्मेंद्र कहता है -"अरे यार इसने लेटर को बिना पढ़े ही फेंक दिया, दोपहर के 2:00 बज गए हैं, भूख भी लग रही है और तेज बारिश भी शुरू हो गई है, अब क्या करूं? इस लड़की की वजह से ही मैं इतने बुरे हाल में फंसा हूं, अब इसे ही मेरी हेल्प करनी होगी, डायरेक्ट इसके घर में घुस जाऊं क्या? यहाँ खड़ा होकर भीगने से अच्छा है, इसके घर में घुस ही जाऊं, जो होगा देखा जाएगा, सोचने वाले सोचते रह जाते हैं और दिलवाले दुल्हनिया ले जाते हैं और मैं तो मर्द हूं, मर्द को गाली और दो चाटे खाकर दर्द नहीं होता"! धर्मेंद्र ने मन में विचार किया और चांदनी के घर की ओर दौड़ पड़ा

दौड़ता हुआ दूसरे फ्लोर पर पहुंचा और दरवाजा खटखटाया 5 सेकंड बाद चांदनी ने दरवाजा खोला और धर्मेंद्र को देखकर बोली -"कौन हो तुम"? 

"यह सामने मेरे अंकल का फ्लैट है, यहां ताला लगा है, आप बता सकती है, यह कहां गए हैं"? धर्मेंद्र ने पूछा

"ओह"! "माथुर अंकल, वो उनकी वाइफ का चेकअप कराने डॉक्टर के पास क्लीनिक गए हैं, तुम, मेरे फ्लैट में उनके आने का वेट कर सकते हो, हमारे उनसे फैमिली जैसे रिलेशन है, उनके मेहमान, हमारे मेहमान, आ जाइए"! चांदनी ने मुस्कुराते हुए आमंत्रण दिया

धर्मेंद्र खुश हो कर घर के अंदर आ जाता है!

"अरे, आपके बाल गीले हो गए हैं, आप टावेल से बाल पोछ लिजिए, मैं आपके लिए गरमा गरम चाय बनाती हूं, जब तक माथुर अंकल भी आ जाएंगे"!

चांदनी किचन में चाय बनाने लगती है और धर्मेंद्र अपने बाल पोछते हुए, अपने मन में सोचता है -"पढ़े-लिखे अमीर लोगो का नेचर भी बहुत अमीर होता है, इसे तो मैं अपने गांव की रानी बना लूंगा, मेरा मतलब अपने दिल की रानी बना लूंगा, इसे पीछे से अपनी बाहों में भर लेता हूं, बारिश का रोमांटिक मौसम चल रहा है, गुलाब के पेड़ पर अभी नई नई कली खिली है, दबोच ले धर्मेंद्र, मना नहीं कर पाएगी"! धर्मेंद्र ने अपने मन में विचार किया

और चांदनी की ओर आगे बढ़ा, उसने जैसे ही चांदनी को पीछे से अपनी बाहों में भरने के लिए अपने हाथ ✋ फेलाए

जानने के लिए पढ़ते रहिए बारिश में सेटिंग

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