जैन और उसकी माँ
इतना सुन कर जैन की मां जहरा से कहती हैं ठीक है जहरा तुम जाओ, हम आते हैं ।
माँ- " जैन आज नास्ते में मैने सारी चीजे तुम्हारी पसंद की बनवाई है। जल्दी से आ जाओ नाश्ते की टेबल पर ।"
जैन -" आप चलिए मां मैं बस 2 मिनट में चेंज करके आता हूं ।"
फिर जैन और उसकी मां दोनों एक साथ बैठकर नाश्ता करते हैं । और उसके बाद जैन होटल के लिए निकल जाता है ।
जैन की मां जहरा को आवाज दे कर बुलाती है। और कहती है।
" जहरा टेबल साफ करके तुम मेरे कमरे में आ जाना मैंने अपने कुछ कपड़े निकाले हैं तुम्हारे लिए जिन्हें अब मैं नहीं पहनती तुम आ कर देख लो ।"
जहरा - " जी ठीक है बेगम साहिबा मैं बस 2 मिनट में आती हूं ।"
थोड़े दिन बाद जहरा मैडम साहिबा के रूम में जाती है और जैन की मां उसे अपने से कपड़े देती हैं देखने के लिए और कहती है.......
" देखो जहरा इनमें से तुम्हें जो जो पसंद हो वो तुम ले लो ।"
जहरा-" मैडम साहिबा आपके तो सारे ही कपड़े बहुत अच्छे हैं पर मुझे इतने कपड़े नहीं चाहिए ।"
जैन की मां -" कोई बात नहीं तुम्हें जो जो पसंद है तुम ले लो ।"
जहरा- " जी ठीक है।
बेगम साहिबा अगर आप बुरा ना माने तो एक बात कहूं ।"
जैन की मां - " हां! हां! जहरा बिना झिझक कहो। क्या बात है ।"
जहरा- " हमारे जैन बाबा तो कितने अच्छे, समझदार और सुलझे हुए मिजाज के हैं तब क्यों आप अपनी तबीयत उनके बारे में सोच सोच कर खराब कर लेती हैं । "
जैन की मां - " हां जहरा तुम सही कहती हो ,पर मैं जैन की एक आदत से बहुत परेशान हूं । वो थोड़े ही वक्त में चीजों से बोर हो जाता है हालांकि जिस भी फील्ड में जाता है उस में नंबर 1 पर रहता है । अब तुम ही देखो ना कोई भी चीज या किसी भी जगह क्या वो लंबे वक्त तक कर पाया है नहीं ना हर चीज वो कुछ दिनों में ही छोड़ देता है । शायद जैन की इसी आदत की वजह से मैं और उसके डैड हमेशा फिक्रमंद रहते हैं उसके लिए । "
जहरा- " जी मैडम साहिबा ये बात तो आप बिल्कुल सही कह रही हैं । "
तो क्या लगता है आप लोगों को क्या जैन की माँ का जो डर है वो सही है या गलत साबित होता है क्या जैन अपनी माँ का मान रख पायेगा या फिर उसकी माँ को जैन की वजह से नई मुश्किल का सामना करना पड़ेगा !
जानने के लिए आगे की कहानी पढ़ते रहीये और इसे लाईक और शेयर करे।
Babita patel
02-Jul-2024 09:04 AM
Amazing
Reply