Sadhana Shahi

Add To collaction

योग के लाभ और हानि (कविता)-21-Jun-2024

आज का विषय

विषय - योगा से लाभ एवं नुकसान विधा - पद्य दिनांक - 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

योग से पाओ अनेकों लाभ, ताकतऔर लचीलापन साथ। नसों को बड़ा आराम है मिलता, जोड़, त्वचा, मस्तिष्क हो आभ।

मानव नियमित करले योग, ख़ुद को रख ले सदा निरोग। अंतर्मन को बना ले सात्विक, नहीं लुभाए तुझको भोग।

तन स्वस्थ कर मन भी साथ में, पड़ ना कभी तू पक्षाघात में। कर लें आसान और प्राणायाम, उलझे ना कभी बात- बात में।

सूर्य नमस्कार को कर ले, बुद्ध अष्टांगिक मार्ग को वर ले। चैतनता को मन में जगाए, शोक, निराशा कभी ना धर ले।

कष्ट कभी ना बन पाए मीत, गाए सदा ख़ुशी के गीत। अंतस हो जाएगा उज्जवल, योग को जब हम जाएंँ सीख।_____________________ पर ना केवल लाभ है मिलता, ना समझी है हानि भी देती। चोट यदि लग गया योग में, अंधकारमय लगती तब गेती।

मांसपेशियांँ हैं फट जातीं, जिनका जुड़ना नहीं आसान। कार्पल टनल क्षतिग्रस्त हो जाता, लिगामेंट फट ले-ले जान।

जी मिचलाना भी है संभव, अति थकान महसूस करेंगे। सांँस फूलना शुरू हो जाए, योग को ना मखसूस करेंगे।

कोई अंग जब लगे सूजने, योग से पहुंँचा है नुकसान। सतर्क योग है रोग मिटाता, लापरवाह योग ले-ले जान।

साधना शाही, वाराणसी, उत्तर प्रदेश

   0
0 Comments