Nazneen Khan

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शादी की जिद्द

मिस्टर हैदर- "क्या ये तुम्हारा आखरी फैसला जैन। "

जैन - " यस डैड मै सिर्फ नेहा से ही  शादी करूगा । किसी और  से शादी करने के लिए आप मुझे तैयार  नहीं कर सकते हैं। "

मिस्टर  हैदर- " समझाइए इसे मिसेस हैदर  इसका दिमाग खराब हो गया ये उस लड़की को जानता ही कितना है। सिर्फ  चंद महीनों से ।"

मिसेस हैदर- " जैन तुम्हारे डैड सही कह रहे है। तुम्हें एक आर इस बारे सोच लेना चाहिए । "

जैन- " मॉम मैं आपको पहले ही सब बता चुका हूं आप तो सब जानती हैं ना ।"

मिस्टर हैदर - " ये सही है तुम मां बेटे ने तो  सब कुछ पहले  ही डिसाइड कर लिया है । मुझे ही सब चीजे बाद में पता चलती है । मिसेस हैदर जब आपको सब पता था तो आपने इसे समझाया क्यों नहीं । "

मिसेस हैदर-  " पर इसने मुझसे अभी  पिछले महीने  ही बताया है । फिर  पूछने और बताने में फर्क होता है जैन । तुमने मुझे नेहा के बारे में बताया था मुझसे पूछा नहीं था । "

जैन-  " आप लोग को पता हैं कि मैं पीछे नहीं हटूंगा  तो बेहतर है कि आप लोग  मान ही जाइए ।"

मिसेस हैदर(गुस्से में)  - " ये क्या तरीका है जैन अपने मॉम और  डैड से बात करने का क्या मैंने तुम्हे यही सिखाया है । "

मिस्टर हैदर- " ये क्या बात यार तुम कुछ महीना के प्यार के लिए अपने मां और बाप दोनों के  इतने साल के प्यार को भुला कर क्या तुम  उनके  खिलाफ खड़े हो ?"

जैन- " मै आप लोगो के खिलाफ कहा जा रहा हूँ। मै बस अपने प्यार के साथ हूँ। मै शादी करूगा तो सिर्फ नेहा से ही ।"

मिस्टर हैदर-  " अगर ये तुम्हारी जिद्द है तो मेरी बात भी कान खोलकर सुन लो।  इस बार मै तुम्हारी को जिद्द नहीं पुरी करूगा। "

जैन - " मौम डैड को समझाइये ।"

जैन गुस्से से वहा से चला जाता है। और नीचे  बारिश में  जाकर खड़ा हो जाता है। जैन की मां  उससे ऊपर खिड़की से  आवाज देती हैं  और कहती है.....

" जैन बेटा ऊपर आ जाओ  बारिश बहुत तेज हो रही है  तुम बीमार पड़ जाओगे ।"

जैन कोई जवाब नहीं देता है।

इधर आयत अपने रूम से बहार आ कर घड़ी के सामने खड़ी हो जाती है,  रात के 12 बजने में एक मिनट बाकी था। जैसे ही 12 बजते है वैसे ही आयत कहती है......

" हैपी बर्थडे टु मी , हैपी बर्थडे टु मी ।"

आयत खुद को बर्थडे विष करते करते उसकी आँखें थोड़ी  नम हो जाती है ।  कुछ देर आयत वही खड़ी रहती है और अपने गुज्जरे  हुए वक्त  के बारे में सोचती है । फिर अपने रूूम में जाकर सो जाती है।

सुबह होते ही आयत स्कूल के लिए तैयार होने लगती है फिर आचनक से उनकी नज़र कैलन्डर पर जाती है तो देखते हैं कि  आज तो वीकेन्ड है आज तो स्कूल बंद होगा। अपने सर पर मार कर आयत खुद से कहती हैं।

"मै भी ना आजकल कितना चीजे भूलने लगी हूँ। चलो आयत अब जल्दी से नाश्ता करके बुक लिखने बैठ जाओ । "

उधन जैन की मां नाश्ते की टेबल पर उसका इंतजार कर रही होती है तभी मिस्टर हैदर नाश्ता करने वहा आ जाते है। और मिसेस हैदर से कहने लगते हैं...

"आप नाश्ता क्यो नही कर रही है। "

कहानी आगे जारी रहेगी।

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2 Comments

HARSHADA GOSAVI

18-Dec-2024 11:10 AM

Nice

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Babita patel

02-Jul-2024 10:20 AM

V nice

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