लेखनी प्रतियोगिता -24-Jun-2024स्वैच्छिक- कैसे बताऊँ कौन हो तुम
कैसे बताऊँ कौन हो तुम
जीवन में ख़ुशियों का सवेरा हो तुम,
सुबह की धूप का उजियारा हो तुम,
सफ़र में मिलते तो है बहुत से लोग,
मेरे लिये कैसे बताऊँ कौन हो तुम?
मेरे हर ज़ख़्म पे लगता मरहम हो तुम,
चाँदनी की शीतल किरण हो तुम,
जीवन की राह तो होती है पथरीली,
पथरीली राह पे मिलता सुकून हो तुम।
पलकों की चिलमन में बसते हो तुम,
ख़्वाबों का प्यारा सिलसिला हो तुम,
दिल की हर धड़कन में नाम तेरा रहता,
ज़िंदगी जीने का प्यारा एहसास हो तुम।
ज़िंदगी के सुरीले गीत का साज हो तुम,
कविता में छिपे एहसास का लफ़्ज़ हो तुम
मोहब्बत करने को तो सब कर लेते है,
मोहब्बत की कहानी का आग़ाज़ हो तुम।
निशा शेठ
Mohammed urooj khan
25-Jun-2024 12:24 AM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Nisha Sheth
02-Jul-2024 05:37 AM
Shukriya
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