Kumar Anand

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तुम

#तुम 


मन का हर एक गीत लिखा मैनें। 
तुम पर हर एक प्रीत लिखा मैनें। 
भावों के सागर में जब जब डूबा। 
तुम को ही बस मीत लिखा मैनें। 

मैनें शब्दों के हर एक जाल लिखे थे। 
उन आँखों के खमोश सवाल लिखे थे। 
लिखे थे मैनें जबाव बन्द लिफाफे में, 
पढ़ने वाले लबों के सुर्ख लाल लिखे थे। 

हर साज पायलों की धुन पर लिखे मैनें। 
कंगनों के जज्बात खुल कर लिखे मैने। 
लिखी मैनें शर्महया उसकी पलको की। 
अंदाज मुहब्बत के चुन कर लिखे मैनें। 

      कुमार आनन्द

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