भोजपुरी पूर्णिका _ प्यार के घोल

भोजपुरी पूर्णिका _ प्यार के घोल।

हाथ मिले ना मिले दिल मिले के चाही।
बात हो न हो घोल प्यार घुले के चाही।

टूटे में का बा टूट जाई एक झटका में।
दूर भले हो जा जोड़ ना खुले के चाही।

झूठा औरी मतलबी रिश्ता खूब मिलीहे
सच्चा लोग मिले भाग ना भूले केचाही।

हार जीत होत रहेला जीनगी में सबके।
पा के तनी खुशी ढेर ना फूले के चाही।

नारी ना ऊ हर रूप में पूजे योग होली।
मिले मान नारी निंदा ना लीले के चाही।

श्याम कुंवर भारती (राजभर)
बोकारो,झारखंड 
मॉब.9955509286

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