भविष्य दर्शन भाग _ 36

कहानी _ **भविष्य दर्शन**

भाग _   36

लेखक_ श्याम कुंवर भारती 

जब मुख्य मंत्री दीनबंधु ठाकुर ने प्रधान मंत्री जी को पदमिनी की भविष्यवाणी के बारे में फोन पर बताया तो वे बड़े चकित हुए ।बोले मेरी सभा में ऐसे कैसे हो सकता है।मेरी सभा से पूर्व कई दिन पहले हर चीज की जांच होती है।बम तो क्या एक ढेला भी कोई बिना अनुमति के नही रख सकता ।
फिर भी आपको पदमिनी पर इतना विश्वास है तो मैं अपनी एजेंसी को अलर्ट कर देता हूं।
प्रधानी मंत्री जी ने अपने सचिव से अपनी अगली सभा के बारे में पूछा ।
उसने बताया सर आपकी अगली सभा मणिपुर में एक अस्पताल के उद्धघाटन के समय में होने वाली है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा _ ठीक है अपनी गुप्तचर एजेंसी के निदेशक को बुलाओ ।
थोड़ी देर में निदेशक के आने के बाद प्रधान मंत्री जी ने उसे सारी बात बताकर  कहा इस मामले की गंभीरता से जांच कर बताओ इसमें किन लोगो की साजिश हो सकती है।ध्यान रहे कोई बचना  नही चाहिए।

करीब पंद्रह दिनों बाद मुख्य मंत्री जी ने पदमिनी और आनंद को राजधानी अपने कार्यालय में दो दिनों बाद बुलाया।
दो दिनों बाद जब दोनो मुख्य मंत्री जी के कार्यालय में पहुंचे तो वहां गृह मंत्री जी ,गृह सचिव,डीजीपी और मुख्य सचिव मौयूद थे ।मुख्य मंत्री जी ने कहा _ हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि पदमिनी को राज्य सुरक्षा सलाहकार और आनंद को उप राज्य सलाहकार नियुक्त किया।ताकि राज्य के अंदर होने वाली किसी भी सुरक्षा संबंधी षड्यंत्रों का समय पर पता लगाकर उसका उचित समाधान किया जा सके । राज्य में सुरक्षा व्यवस्था हमेसा चाक चौबंद रहे।इसमें इन दोनो की सलाह के अनुसार रणनीति बनाई जा सकेगी ।
पदमिनी ने कहा_  हम दोनो को इतना सम्मान देने के लिए आपका आभार अंकल लेकिन आपको पता है अभी हम दोनो अपनी पढ़ाई पूरा करना चाहते हैं।आनंद आईपीएस और मैं आईएएस ऑफिसर बनना चाहती हूं।
ऐसे में हम दोनों इतनी बड़ी जिम्मेवारी कैसे निभा सकते हैं।
मुझे मालूम है लेकिन चिंता मत करो तुम दोनो की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जो काम तुम मुझे बिना कोई सरकारी 
आदेश के करके मेरी मदद करती थी ।वही काम अब तुम सरकार के लिए करोगी ।इसके लिए सरकार तुम्हे मासिक पांच लाख रुपए,बंगला ,गाड़ी ,ऑफिस और स्टाफ देगी ।अब तुम सीधे डीजीपी,गृह मंत्री,गृह सचिव,निदेशक सीआईडी और अन्य संबंधित लोगो से संपर्क कर  कार्य कर सकती हो।
मेरी तो तुम बेटी जैसी हो जब चाहो बात कर सकती हो या मिल सकती हो।
पदमिनी ने कहा _ ठीक है अंकल जैसा आप उचित समझे ।
तभी आनंद के मोबाइल पर इसके मित्र नरेंद्र का फोन आया।
सुनकर आनंद के होश उड़ गए ।वो बैचेन हो उठा ।
पदमिनी ने उसकी हालत देखकर पूछा क्या हुआ आनंद सब ठीक तो है।
आनंद ने बताया_ थोड़ी देर पहले  मेरे और तुम्हारे घर को बम से उड़ा दिया गया है।हम दोनो के माता पिता बुरी तरह घायल हो गए है  उन सबको सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।।मेरी बहन कोलेज गई थी इसलिए बच गई। इतना कहते हुए वो रोने लगा।
उसकी बात सुनते ही पद्मिनी भी घबड़ा गई उसकी आंखो में आंसू आ गए ।
मुख्य मंत्री जी ने डीजीपी से कहा _ आप तुरंत उस जिला के एसपी को बोले इन दोनो के घर और अस्पताल की सुरक्षा बढ़ा दे और जिन लोगो का इस बम ब्लास्ट में हाथ है उन्हे अविलंब जिंदा या मुर्दा गिरफतार करे।
अपने सचिव से कहा" तुरंत सिविल सर्जन को फोन कर उनको इनके माता पिता के बारे में बताकर कहो उनको है हर  हाल में बचाना है इनके इलाज में कोई कमी नहीं होनी चाहिए में भी अस्पताल पहुंच रहा हूं।
ईतना कहकर मुख्य मंत्री जी उठ खड़े हुए और बोले आओ दोनो चलो मेरी गाड़ी में ।हेलीकॉप्टर से तुरंत अस्पताल पहुंचते है।
पदमिनी और आनंद रोते हुए उनके पीछे चल दिए।

शेष अगले भाग _ 37 में

लेखक _  श्याम कुंवर भारती 
बोकारो, झारखंड 
मोब.9955509286

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2 Comments

HARSHADA GOSAVI

10-Dec-2024 11:07 AM

Amazing

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madhura

25-Jul-2024 03:22 PM

V nice

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