Sunita gupta

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लेखनी कहानी -दहेज का जहर

दहेज का जहर

रोहन और प्रिया की शादी को एक साल हो गया था। शादी के समय प्रिया के माता-पिता ने रोहन के माता-पिता को दहेज दिया था, लेकिन रोहन की माँ को लगता था कि दहेज कम है।

एक दिन रोहन की माँ ने प्रिया से कहा, "तुम्हारे माता-पिता ने हमें कम दहेज दिया है, तुम्हें अपने माता-पिता से और पैसे लाने होंगे।"

प्रिया ने कहा, "मैं अपने माता-पिता से पैसे नहीं ले सकती, वे पहले ही मुझे दहेज दे चुके हैं।"

रोहन की माँ ने प्रिया को परेशान करना शुरू कर दिया और उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगी। प्रिया बहुत दुखी हो गई और उसने आत्महत्या कर ली।

रोहन को जब पता चला कि उसकी माँ की वजह से प्रिया ने आत्महत्या कर ली है, तो उसने अपनी माँ को छोड़ दिया और प्रिया के माता-पिता के पास जाकर माफी मांगी।

इस लघुकथा से हमें यह सीख मिलती है कि दहेज का लालच हमारे जीवन को बर्बाद कर सकता है।

सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर

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1 Comments

Mohammed urooj khan

29-Jul-2024 11:33 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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