दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय रिमझिम फुहार
विषय _सावन
शीर्षक _रिमझिम फुहार
विधा _गीत
देखो सावन आया संग,,,,,,लाया रिमझिम फुहार।
सबके मनमें भरी उमंग,आया खुशियां का त्योहार।
सावन की बारिश संग आती खुशियां हर्ष अपार।
हरियाली चहुं ओर छा गई यही प्रकृति का प्यार।
बादल में मुस्काता हर-पल,,,,,, चंदा रहा निहार।
सावन का त्योहार सभी घर, बरसाता सुख सार।
ताज़ा हो जाती सब यादें,,,,,,यह सुख का दातार।
देखो सावन आया संग,,,,,,,
नदियां कल कल बहती गाती,सावन गीत मल्हार।
उफनाती, मद-माती नदियां,जग सुख यह श्रंगार।
रिमझिम रिमझिम यह फुहार देती मनको मनुहार।
जीवन हरियाली खुशियों तक रहता नित त्योहार।
सुखों का अहसास कराएं सुख का सिरजन-हार।
सुख तन मन अहसास करा कर,दे सुख की बौछार।
देखो सावन आया संग,,,,,,,
सावन मनभावन अति पावन,शांति हृदय दे जाता।
बारिश जीवन दाता सबकी ,तन मन हर्ष दिलाता।
बौछारें पानी की तन पर,,,,नव उत्साह जगाता।
सुन्दरता,भरता जीवन में,सावन जब जब आता।
सरिता जीवन में भर्ती,,,,,,नित नूतन मन संचार।
देखो सावन आया संग,,,,,
सुनीता गुप्ता स