ब्रीफ टेल्स– दुःखी आत्मा
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अर्चना गरिमा का हाथ पकड़कर उसे कमरें में ले गई।
“हैप्पी बर्थडे गोलू।” अर्चना ने गरिमा को गले से लगाते हुए कहा।
“मुझे आप यहांँ क्यों ले आई?” गरिमा ने हैरान होते हुए पूछा।
“गिफ्ट देना था।” अर्चना ने तपाक से जवाब दिया और फिर आगे बोली। “बाद में तो तुम पार्टी में बिजी हो जाओगी।” कहकर अर्चना ने दांत चियार दिए।
“लाओ मेरा गिफ्ट।” गरिमा ने अपना हाथ अर्चना के सामने करते हुए कहा।
गरिमा की बात सुनकर अर्चना उसके हाथ में कांच की एक सीसी थमाते हुए बोली। “ये लो।”
“वाउ! परफ्यूम।” गरिमा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा और फिर परफ्यूम की सीसी खोलते हुए अपने ऊपर डालने लगी।
गरिमा के ऊपर परफ्यूम डलते ही उसका रूप बदलने लगा और अगले ही पल वह एक आत्मा में तब्दील हो गई। गरिमा की आत्मा अंगारों और आग को मिल कर बनी हुई थी।
अर्चना ने उसके ऊपर खून की कुछ बूंदे डाली और दोबारा फिर वह अपने मानव शरीर में तब्दील हो गई।
“ये क्या था?” गरिमा ने बोतल को घूरते हुए पूछा।
“पवित्र जल और तुम्हारे लिए समझ जाओ।” अर्चना रूकी और फिर आगे बोली। “बड़े दिनों से तुमने इस रूप में देखने की इच्छा थी।
“बढ़िया हुआ अकेले में ये गिफ्ट दिया, वरना बाकि के लोग डर जाते।” कहकर गरिमा हँसने लगी।
“कुछ देर पहले सही मायनों में बन गई थी तुम जली भुनी आत्मा।” अर्चना ने अपनी बात कही और फिर दोनों बाहर चली गई।
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