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ब्रीफ टेल्स– रंगरूप

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“लड़की का रंग मायने नही रखता।” दरवाजे पर खड़ी हुई एक औरत ने अपनी पड़ोसन से कहा।

"लड़की सुंदर तो होनी ही चाहिए कुंती।" पड़ोसन ने अपनी बात रखी।

“ना..ना पद्मा! लड़की रूपवान ना हो चलेगी पर गुणवान होनी चाहिए।“ कुंती ने तपाक से जवाब दिया और फिर आगे बोली। “मै तो कामकाजी लड़की ही देखूंगी।”

“कुछ दिनों बाद देखते है।” इतना कहते ही पद्मा वहां से चली गई।

“लड़की गोरी होनी चाहिए और दहेज लाए फिर तो क्या ही कहने।” कुंती ने अंदर जाते ही कहा। जहां पर उसका पति और बेटा आपस में बातचीत कर रहे थे। दोनों उसके मुंह को ताड़ने लगे। दोनों को अपने कानों पर यकीन नही हो रहा था कि अक्सर कुंती इन बातों के खिलाफ बोलती थी।

वह अपने पल्लू को सही करते हुए बोली। “सुंदर और लंबी भी होनी चाहिए।”

“अगर उसे कुछ काम ना आता हो?” लड़के ने पूछा।

“काम कौन देखता है? पहले तो सूरत देखी जाती है।“ कुंती ने तपाक से जवाब दिया।

“पर भाग्यवान..." उसके पति ने मुंह खोला ही था कि कुंती ने उसे चुप करा दिया।

“जो कहा है वही होगा।” किंतु ने जवाब दिया और फिर आगे बोली। “लड़की मैने पहले ही देख ली है, बहुत सुंदर है।”

“ठीक है।” लड़के ने मन मसोस कर जवाब दिया। वह जानता था कि उसकी मां के आगे किसी की नही चलती।

शादी होने के कुछ दिन बाद सब ठीक है। पर जल्द ही सास बहू में लड़ाई होने लगी। कुंती की बहु कुछ भी नही करती थी। वह मेकअप करती और रील्स बनाने लगती। कुंती के कुछ भी कहने पर दहेज को आड़े ले आती। जल्दी ही उसकी बहू अपने पति के साथ दूसरे शहर में रहने चली गई। कुंती की वजह से उसके बेटे की जिंदगी भी खराब हो गई। कुंती के एक गलत फैसले से उसका घर बिखर गया।

“बेटा! लड़की की फोटो तो दिखा।” एक दिन पद्मा ने अपने बेटे से कहा। अक्सर वह अपने पति और बेटे की बातचीत सुनती रहती थी।

लड़के ने कपकपाते हुए हाथों से फोटो अपनी मां के हाथों में थमा दी।

“सुंदर है।” पद्मा ने फोटो देखते हुए कहा। लड़की का रंग हल्का सांवला था। पर नैन नक्श सुंदर थे। उसके मुंह पर कही कही मुहांसे भी थे।

“पर आपको तो गोरी लड़की चाहिए थी।” लड़के ने आँखें गोल करते हुए पूछा।

“कितनी तो सुंदर है।” पड़ोसन ने जवाब दिया और फिर आगे बोली। “वैसे भी तू कहता है कि बड़ी समझदार लड़की है। रही बात रंग की तो जब मै उसका ध्यान रखूंगी तो उसका रंग भी साफ हो जाएगा। अभी वो घर की जिम्मेदारी में खुद का ध्यान भी तो नही रखती।”

“हां।” लड़के ने जवाब दिया और फिर आगे बोला। “पर वे दहेज नही दे पाएंगे।”

“कोई बात नही। उन्होंने अपनी बेटी को काबिल बना दिया वही बहुत बड़ी बात है।” पद्मा ने जवाब दिया।

लड़के को अपने कानों पर यकीन नही हो रहा था। उसकी मां अक्सर रंग रूप, दहेज की बातें करती रहती थी। अपने पापा के समझाने पर लड़के ने आखिरकार अपनी मां से बात कर ही ली थी।

उसने खुश होकर अपनी मां को गले से लगा दिया। “और लोगों का?”

“लोगों का काम ही होता है कहना।” औरत ने जवाब दिया।

जल्दी ही शादी हो गई। लड़की, लड़के के कहे अनुसार ही निकली। दोनों सासु बहु की अच्छी जोड़ी बनी। पद्मा ने अपनी बहु का अच्छे से ध्यान रखा। अच्छे खानपान और पहनावे की वजह से उसकी बहू पूरे गांव में सबसे ज्यादा सुंदर लगने लगी थी। पद्मा के एक फैसले की वजह से उसका घर खुशियों से भर गया।

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