Nazneen Khan

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नेहा की बातो से जैन हुआ परेशान

जैन खुद पर से  नेहा का हाथ हटाते हुए कहता है....

" ये सब तुम क्या कह रही हो नेहा दिमाग तो ठीक है तुम्हारा ।"

नेहा- " हां जैन मेरा दिमाग बिल्कुल  ठीक है इसीलिए तो मैं ये सब कह रही हूं मैं जानती हूं तुम्हारे डैड हमारी शादी कभी नहीं होने देंगे । इसलिए तो मैं कह रही हूँ कि तुम  सब कुछ छोड़ कर मेरे पास आ जाओ। हम शादी करके एक साथ रहेंगे इसी घर में । "

जैन- " मैंने कहा तो है मैं तेरे को मना लूंगा ।"

नेहा- " मुझे पता है वो नहीं मानेंगे जैन । तुम्हें मेरी बात मान कर मेरे पास आना होगा । और  फिर मैं भी तो  अपना सब कुछ छोड़ देने को तैयार हूँ ना जैन  तुम्हारे लिए  क्या तुम अपना हर कुछ नहीं  छोड़ सकते  मेरे लिए ।"

नेहा के इतना कहते ही जैन सोच में पड़ जाता है, और  जैन को इस तरह देखकर नेहा उसके पास जाकर  कहती है......

" देखो ना जैन हर किसी को प्यार के लिए कुछ कठिन कदम उठाने  पड़ते हैं जिससे कि वो जिंदगी भर एक दूसरे के साथ खुश रह सके , और मैं भी तुम्हारे और अपने बारे में ही सोच रही हूं अगर अंकल मान जाते तो मैं  तुम्हें ये कभी ना कहती करने को । पर अब हमारे पास और कोई ऑप्शन नहीं है सोचो अगर तुम मुझे छोड़ कर चले गए अगर और  मैं तुम्हारे बिना ना रह सकी और मैने अपनी जान दे दी । तो तुम क्या करोगे ? क्या तुम रह सकोगे मेरे बिना ? "

जैन-  " ये सब तुम क्या कह रही हो नेहा । ऐसा कुछ भी नहीं होगा ।"

नेहा- " ठीक है जैन तुम थोड़ा वक्त लेकर सोच लो मैं तुम्हारे लिए इंपॉर्टेंट हूं या फिर तुम्हारी फैमिली ।"

इतना कहकर नेहा घर के अंदर चल जाती है और जैन वहां कुछ देर बैठा रहता है और  नेहा की कही सारी बातें सोचता रहता है फिर वह उठता है  और गाड़ी स्टार्ट करके अपने घर आ जाता है । घर पहुंचते ही जैन सीधा अपने रूम में चला जाता है ।

अगली सुबह जब जैन उठता है तो  बहुत परेशान रहते हैं । जैन के उठने के थोड़ी देर बाद उसकी मां उसके कमरे में आती है । और कहते हैं.....

जैन की मां - " जैन तुम कहां थे कल रात में जब तुम हाल से परेशान होकर अपने रूम में आए । उसके थोड़ी देर बाद जब मैं तुमसे मिलने तुम्हारे  कमरे में आई  तो तुम यहां कमरे में थे ही नहीं ।"

जैन -  " हाँ माँ मै कल रात बाहर चला गया था ।  वो रात  को जब नेहा ने फोन नहीं उठाया तो  मैं बस उससे मिलने गया था। "

जैन की  माँ-  " नेहा तुम्हारा फोन क्यो नही उठा रही थी ?"

जैन-  " वो डैड की कही बातो को लेकर  बहुत ज्यादा  परेशान थी  । उससे लग रहा है , कि डैड हमारी शादी  नहीं  होने  देंगे। "

जैन की मां - " अच्छा जैन क्या नेहा को  सच मऐसा लगा रहा है। "

जैन- " हाँ मॉम ! सच कहु तो अब मुझे भी ऐसा ही लगने लगा है।  कि डैड नहीं चाहते की मै नेहा से शादी करू ।"

जैन की मां - " अरे जैन ऐसा नहीं है। कम से कम तुम तो ऐसे मत कहो। तुम तो जानते हो  अपने डैड को। "

जैन- " जानता हूँ शायद इसीलिए  कह रहा हूँ। "

जैन की मां - " ये कैसी बात कर रहे हो जैन तुम। "

जैन-  " सच ही तो कह रहा हूँ मॉम ।"

जैन की मां - " जैन बेटा इधर सुना यहा आ कर बैठो। "

जैन मॉम के पास आ कर बैठ जाता  है तो जैन की मां  जैन से कहती हैं ......

" क्या बात है जैन बेटे कोई बात है जो तुम्हे परेशान कर  रही है। "

जैन-  " नहीं मौम  ऐसी कोई बात नहीं है। "

जैन की मां - " नहीं बेटे बात तो है बस तू बता नहीं रहा है। नेहा ने तुमसे कुछ कहा है क्या? बताओ जैन। "

जैन -  " वैसे कहा तो उसने बहुत कुछ है...... "

तो आप लोगो को क्या लगता है क्या जैन अपनी माँ को नेहा की कही सब बता देगा या नहीं जानने के लिए आगे कहानी को पढ़ते रहिये.......

यहा तक  पढ़ने के लिए शुक्रिया ।

कहानी आगे जारी रहेगी ......

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