दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय कान्हा की मोहब्बत
ब्रजभाषा में भजन:
कान्हा की मोहब्बत में मोरा जीवन बीत रह्यो रे,
तेरी याद में मोरा मन खुशी है रे।
राधे राधे बोलि रे मनवा, कान्हा की याद सतावे,
तेरी मोहब्बत में मोरा जीवन बीत रह्यो रे।
मोरे कृष्ण की आँखों में मेरा बसेरा है,
तेरे बिना मोरा जीवन सूना है रे।
तेरी मोहब्बत में मैं खो जाऊँ,
तेरे बिना मोरा जीवन बेकार है रे।
राधे राधे बोलि रे मनवा, कान्हा की याद सतावे,
तेरी मोहब्बत में मोरा जीवन बीत रह्यो रे।
मोरे कृष्ण की मोहब्बत में मैं जीना चाहूँ,
तेरे बिना मोरा जीवन सूना है रे।
तेरी याद में मोरा मन खुशी है,
तेरे बिना मोरा जीवन बेकार है रे।
राधे राधे बोलि रे मनवा, कान्हा की याद सतावे,
तेरी मोहब्बत में मोरा जीवन बीत रह्यो रे।
यह भजन ब्रजभाषा में लिखा गया है, जिसमें कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी को बहुत ही सुंदरता से दर्शाया गया है।
सुनीता गुप्ता से