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नाग पंचमी, लेखनी कविता प्रतियोगिता -08-Aug-2024

नाग पंचमी
(अतुकांत)
सनातनी एक अनूठा है
यह त्यौहार।
प्रगतिशील धार्मिक भावना का
है यह परिचायक।
बाँधना इसे धर्मांधता से शायद
होगी एक भयंकर भूल।
हमें नहीं भूलना चाहिए अपनी
सनातनी प्रगतिशील सोच-
"सर्वे भवंतु सुखिनः-
अहिंसा परमो धर्म:।"
सबका अधिकार है जीने का-
जीव-जंतु,पशु-पंछी,मानव का,
पूजनीय है सृष्टि का हर प्राणी।
मात्र धर्म ही नहीं है
अपना धर्म।
यह तो अत्यंत विकसित है
एक वैज्ञानिक-व्यवहारिक सोच।
श्रावणी मास और नाग-पूजा
धान का लावा-भीगा चना-
विधिवत मिश्रित गो-दुग्ध में,
सम्पूर्ण घर-आँगन-परिसर में छिड़काव।
पूजन शिव-मंदिर में,
पवित्र मंत्रोच्चार के साथ।
मास हो सावन का और हो सोमवार,
साथ ही नागपंचमी का त्यौहार-
इसे माना जाता है अद्भुत घटनाक्रम।
परम शुभकर एवं पवित्रतम।
कहीं नहीं है ऐसी अनोखी परंपरा-
अखिल विश्व में।
है प्रणम्य यह सोच,
प्रणम्य है ऐसी परंपरा,
हैं प्रणम्य अनुयायी!!
           ©डॉ हरि नाथ मिश्र
              9919446372

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2 Comments

Arti khamborkar

21-Sep-2024 09:24 AM

amazing

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madhura

14-Aug-2024 07:49 PM

V nice

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