Milind salve

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इच्छा शक्ति ....

इच्छा शक्ति .....

वह लड रही थी
झगड रही थी
हवा के साथ
तेज बरसती बरसात के साथ
अपने चूजों के लिए
अपने लिए
तिनका तिनका जोडकर
एक नन्ही चिडीया
घोसला बना रही थी
कभी चूजों को
पंखों से ढककर
पानी से बचा रही थी

चट्टान की तरह 
इरादे मजबूत थे उसके
डर था जरूर मगर
जरूरत के आगे बौना लगता था
समय समय पर कडकती बिजली 
नन्हे से दिल को
नगाडे के समान बजाती थी
विदुला के तीव्र आभा से
आँखे अंधेरे का आभास करती थी
कर्म कठोर चिडीया फिर भी
तिनका तिनका जुटा रही थी

पिली चहकती
डाली डाली पर उछलती कुदती
वात्सल्य की मूरत
चूजों को दाना, चारा खिलाती
कर्मरत उत्साही
घोसले को पूर्णरूप देने का यत्न करती
चट्टान के समान 
मजबूत इरादों वाली डचिडीया
परिवार की सुरक्षा में तत्पर थी

डाॅ. मिलिंद साळवे

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3 Comments

kashish

29-Sep-2024 02:55 PM

Awesome

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Arti khamborkar

21-Sep-2024 09:17 AM

amazing

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madhura

14-Aug-2024 07:40 PM

V nice

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