Milind salve

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दास्तां-ए-इश्क .......

दास्तां-ए-इश्क .......


मौसम बदल जाते हैं तेरे आने के बाद
महकते हैं गुलशन  पतझड के आने के बाद
कदमों की आहट पर जाग जाती है फिजाएँ 
चिडियाँ चहकने लगी है भोर होने के बाद

फूल भी शर्मा जाते हैं जानम तुझे देखकर
दिशा बदले है अलि की तेरे आने के बाद

उमर का लाहाज अब तो रहा नहीं है बाकी
कुछ कम हो गई उमर तेरे चाहने के बाद

सोने न देती तेरी याद सताती है हमें
सिलवटे शय्या पर याद तेरी आने के बाद

डाॅ. मिलिंद सालवे

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3 Comments

kashish

29-Sep-2024 02:56 PM

Fabulous

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Arti khamborkar

21-Sep-2024 09:17 AM

fantastic

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madhura

14-Aug-2024 07:41 PM

V nice

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