Add To collaction

प्रेत बंधन- 2

अब आगे 


          सौम्या अपने घर पहुंचती है इस समय रात के लगभग 12:30 हो रहे थे। सौम्या का घर एक घर न होकर आलीशान महल की तरह था, जहां पूरी तरह से साफ सफाई की हुई थी वहां पर धूल का एक कतरा भी नहीं था कहने को सौम्या के घर पर लगभग 8 से 9 नौकर रहते हैं लेकिन वह सभी 9:00 बजे के बाद उसे घर से चले जाते हैं और अपने-अपने सर्वेंट क्वार्टर में मैं सोते हैं उनमें से किसी को भी 9:00 के बाद सौम्या के घर में रुकने की परमिशन नहीं थी, सुबह 7:00 ही वह सभी सौम्या के घर में इंटर करते हैं उनमें से दो कुक थे जो कि खाना बनाने का काम करते थे और बाकी सब साफ सफाई का काम करते थे सौम्या के घर में बहुत ही ज्यादा साफ सफाई हुआ करती थी उसके घर में थोड़ी सी भी गंदगी नहीं रहती थी पूरा दिन वह सभी साफ सफाई किया करते रहते थे।



 सौम्या जैसे ही घर का दरवाजा खोलकर घर में इंटर करती है, वैसे ही उसे महसूस होता है कि किसी ने उसे पीछे से बाहों में भरा है लेकिन वहां पर कोई भी नहीं खड़ा होता है यह सब सिर्फ सौम्या को महसूस होता है, सौम्या को यह एहसास होता है कि किसी ने उसे बाहों में भर रखा है और धीरे-धीरे उसके गले और कंधे को चूम रहा है, सौम्या एक जड़ वही खड़ी रहती है अचानक से वह दरवाजा भी बंद हो जाता है, पूरे घर में इस समय सिर्फ लाल रंग की हल्की डिम लाइट जल रही थी जो उसे सुंदर महल को एक डरावना लुक दे रही थी, सौम्या वहां चुपचाप खड़ी थी और अपने गले और कंधे पर हो रहे एहसासों को महसूस कर रही थी उसे देखकर लग रहा था जैसे यह एहसास उसके लिए नए नहीं है।



 लेकिन उसके चेहरे को देखकर इतना समझ में आ रहा था कि इन एहसासों को वह महसूस करके खुश नहीं है बल्कि उसके अंदर एक डर है, अचानक से सौम्या के कानों में एक आवाज आती है तुम्हें पता है ना आज अमावस की रात है और मुझे इंतजार करना पसंद नहीं है तो क्यों तुमने इतनी देर की यह आवाज सुन कर सौम्या के रोंगटे खड़े हो जाते हैं तभी उसे एक तेज दर्द का एहसास होता है और उसके गले के पास दांतों के गहरे निशान उभर आते हैं जिनसे हल्की खून की बूंदे भी चुहचुहारे लगती है, सौम्या की आंखों में हल्की नामी उतर आती है।



 अचानक से सौम्या खींचे हुए एक कमरे में चली जाती है उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि कोई उसका हाथ पकड़ कर खींचकर उसे कमरे में लेकर जा रहा हो लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि वहां पर कोई भी नहीं था, पलक झपकते ही सौम्या एक कमरे में खड़ी होती है, सौम्या जब उसे कमरे को देखते हैं तो उसमें चारों तरफ मोगरे और गुलाब की पंखुड़ियां बिक्री हुई थी, चारों तरफ कैंडल्स जल रहे होते हैं, बेड पर भी सफेद और लाल कलर के फूल बिखरे हुए थे जो की मोगरे और गुलाब के थे, वह सभी देखकर सौम्या के चेहरे पर डर बढ़ता जा रहा था।



 तभी उसके कानों में फिर से वही आवाज आती है मैंने कुछ पूछा आज तुम्हें लेट क्यों हुआ, सौम्या अपनी अटकती हुई आवाज में रहती है आज..... आ....... ज़........ वो...... अवॉर्ड फंक्शन था, उसने इतना ही कहा था कि तभी उसके सर पर न जाने कहां से बर्फ की तरह ठंडा पानी गिर जाता है, जिससे सौम्या कांप जाती है रात के 1:00 रहे थे और सौम्या के शरीर पर बर्फ का ठंडा पानी गिरता है, उसका पूरा शरीर लाल हो जाता है वह कांपने लगती है लेकिन वह कुछ भी नहीं कर सकती थी।



 सौम्या कुछ समझती या करती उसके पहले ही उसके शरीर से उसके कपड़े एक-एक करके गायब होने लगते हैं, इस समय सौम्या सिर्फ अपने इनरवियर में थी, अचानक से ऐसा लगता है कि किसी हवा के झोंके की तरह सौम्या उस बेड पर पहुंच जाती है, वह बिस्तर पर इस समय पड़ी हुई थी उसके गोरे बदन पर उसकी ब्लैक कलर की इनर ही बस थी, उसके आसपास कोई भी नहीं था लेकिन उस कमरे में सौम्या की सीसकने की और मौन करने की आवाज़ आ रही थी, उसके गले कॉलर बोन और कंधे और क्लीवेज के पास कुछ निशान बनते जा रहे थे, ऐसे निशान तभी बनते हैं जब कोई किसी को पैशनेटली किस कर रहा हो लेकिन वहां तो कोई मौजूद ही नहीं था तो ऐसा सौम्या के साथ क्यों हो रहा था यह सौम्या बहुत अच्छे से समझ रही थी। 



 उसने महसूस किया कि पल भर में उसकी इनरवियर भी गायब हो चुकी है, अब वो बिना कपड़ों के उस बिस्तर पर पड़ी हुई है और उसके चेस्ट को देखकर लग रहा था जैसे कोई उसके चेस्ट क़ो सक कर रहा हो या काट रहा हो, सौम्या के मुंह से सिसकियाँ निकले जा रही थी और आंखों से आंसू टपकते जा रहे थे, अचानक से उसने देखा कि उसके दोनों हाथों में कहीं से हैंडक्ल्फ लग गए हैं जो बेड के दोनों साइड से लगे हुए हैं। अब वह अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश करती है लेकिन वह नहीं छुट सकते, तभी उसके मुंह से अचानक से एक चीख निकलती है लेकिन वह चिंख भी कुछ सेकंड में उसके मुंह में ही दब के रह जाती है।



 तभी एक सफेद रंग की चादर उसके ऊपर आ जाती, जिस कमरे में अभी तक सौम्या के अलावा कोई भी नहीं दिख रहा था उस चादर के सौम्या के ऊपर पडते ही उस में साफ-साफ पता चल रहा था कि इस समय सौम्या के ऊपर कोई है जो उसके साथ इंटीमेट हो रहा है, यह तो साफ तौर पर समझ में आ गया था कि सौम्या के साथ इंटिमेट होने वाला कोई इंसान नहीं बल्कि कोई अनजान शक्ति है, सौम्या कुछ नहीं कर सकती थी उसे सिर्फ रोने और सीसकने के अलावा कुछ करने की हिम्मत भी नहीं थी। 



 यह सिलसिला लगभग रात भर चलता रहता है सुबह के जैसे ही चार बजते हैं वैसे ही, वह चादर अचानक से सिर्फ सौम्या के ऊपर ही रह जाती है ऐसा लगता है कि उसमें मौजूद दूसरी शक्ति वहां से गायब हो गई है, सौम्या के चेहरे पर इस समय आंसुओं के निशान थे उसकी बॉडी का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं था जहां पर काटने नोचने के निशान ना हो, सौम्या तो न जाने कब बेहोश हो चुकी थी वह सब झेलते झेलते।



 सुबह के 7:00 बजे सौम्या की नींद खुलती है उसके शरीर में इस समय बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था आंखें खुलना के साथ ही उनमें से आंसू भी बहने लगते हैं, सौम्या बेड पर लेटे-लेटे ही रोने लगती है वह खुद से ही रहती है आखिर कब तक मुझे यह झेलना पड़ेगा आखिर क्या गलती थी मेरी जो मेरे साथ यह सब हो रहा है मैं तो किसी के साथ यह दर्द भी नहीं बन सकती ना कोई अपना है जिसे मैं अपनी मदद के लिए बुला सकूं जो है उन्हें भी नहीं बता सकती ना उन्हें कभी खो सकती हूं, आखिर क्यों हो रहा है मेरे साथ ऐसा कब निकलूंगी मैं इस नर्क से यह कहते हुए उसकी आंखों से आंसू बह रहे होते हैं।



 आखिर क्या रहस्य है सौम्या के साथ यह सब होने का आखिर कौन सी वह शक्ति है जो सौम्या के साथ ऐसा कर रही है जानने के लिए,


To be continued ❤️❤️❤️


 राधे राधे 

   0
0 Comments