जब आयत ने जैन का फोन यूस करने के लिए कहा
थोड़ी देर बाद नेहा जैन के घर से चली जाती है । तब मिस्टर हैदर मैसेज हैदर से कहते हैं
" देखा राबिया तुम्हारे बेटे के लिए तुम भी इंपॉर्टेंट नहीं हो उसने तुम्हारी भी मैसेज का आंसर नहीं किया सिर्फ नेहा के मैसेज का रिप्लाई किया । "
मिसेस हैदर - " हां आप सही कह रहे हैं शायद हमें ही उसे समझ नहीं पाए । पर हैदर प्लीज आप कुछ कीजिए । "
मिस्टर हैदर - " हाँ करता हूँ। तुम परेशान नहीं हो वरना तुम्हारा बीपी बढ़ जाएगा । "
इतना कहकर मिस्टर हैदर वहां से चले जाते हैं ।
नेहा घर पहुंचते ही जिम्मी को कॉल करती है। और कहती हैं .......
" ओह जिम्मी ! आज मैं बहुत खुश हूं । "
जिम्मी- " ऐसा क्या हो गया पाटर्न कुछ मुझे भी तो बताओ ।"
नेहा- " ओह जिम्मी तुम्हें पता है जैन ने क्या किया । "
जिम्मी- " अरे अब बताओ भी नेहा की आखिर क्या बात है । "
नेहा - " जैन घर छोड़ करके भाग गया है ।"
जिम्मी - " क्या जैन घर छोड़ करके भाग गया है और तुम खुश हो रही हो । "
नेहा - " ओह जिम्मी तुम कितने स्वीट हो । जैन मेरी वजह से वजह से घर छोड़ करके भागा है ताकि हम अंकल मान जाए हमारी शादी के लिए। "
जिम्मी - " ओह दैटस ग्रेट न्यूज़ । अब तो समझो अंकल मान गए तुम्हारी शादी के लिए । "
नेहा - " हां जम्मी पर अंकन माने तो पहले । देखा तुमने मेरे उस दिन वो जैन के सामने वो शर्त रखना और आज जैन का ये कदम उठाना । अब मानते हो मेरे को दिमाग को । "
जिम्मी - " हाँ मै मान गया नेहा तुम्हें। "
उधर आयत लगातार कोशिश कर रही थी सलमान और जिया से बात करने की लेकिन फोन ना लगने की वजह से और उसका फोन खराब होने की वजह से वो जिया और सलमान से कांटेक्ट नहीं कर पा रही थी । आयत होटल के बाहर गार्डन में बैठी हुई थी तभी वहां जैन आ जाता है जैन को देखकर आयत सोचती है क्यों ना मै जैन से मदद ले लू। पर अगर उसने मदद करने से मना कर दिया तो । वैसेे एक बार ट्राई करने में क्या हर्ज है एक बार पूछ लेती हूं ।
आयत जैन के पास जाती है और कहती है ......
" हेलो जैन कैसे हो । "
जैन- " मै ठीक हूँ तुम बताओ तुम्हे क्या हुआ है। "
आयत- " हाँ मै भी ठीक हूँ एकदम। "
जैन- " अच्छा सही है। "
आयत - " दरअसल एक काम था तुमसे। "
जैन- " काम। वो भी मुझेसे और तुम्हें ये क्यो लगता हैं कि मै तुम्हारा काम करूगा । "
आयत- " काम नहीं एक हैल्प चाहिए थी । वो क्या मै तुम्हारा फोन ले सकती हूं। मुझे एक कौल करनी थी। "
जैन- " जी नहीं। मै तुम्हे अपना फोन देकर खुद को कोई मुश्किल में नहीं डालना चाहता हूँ। "
आयत- " पर मैं तुम्हें कोई परेशानी मे क्यू डालूगी। "
जैन- " मैने कह दिया है ना कि मै नहीं दुंगा अपना फोन सॉरी। "
आयत - " ओके। "
इतना कहकर आयत वहां से चली जाती है और वो जाते वक्त मन ही मन मे सोचती है कितना खड़ूस है ये वाकई बहुत मतलबी और खड़ूस है ।
यहा तक पढ़ने के शुक्रिया ।
कहानी आगे जारी रहेगी ......