Add To collaction

बेटों को भी सिखलाओ

बेटियों के साथ साथ,

अब बेटों को समझाना होगा ।

तहजीब और संस्कार का ,

पाठ इन्हे भी पढ़ाना होगा ।

बेटों को दो ऐसी परवरिश,

वो नारी का सम्मान करे ।

जहां खड़े हों वहां पे बेटी,

अपने को असहज न समझे।

पढ़ाई-लिखाई के साथ -साथ

मानवता का पाठ पढ़ाना होगा।

बेटियों के साथ-साथ ,

अब बेटों को भी समझाना होगा।

ऐसी सीख सिखाएं उनको,

कभी अनुचित न व्यवहार करें।

नारी के प्रति उनके नजरों में,

सदा ही मान और सम्मान रहे ।

धर्म जाति से ऊपर उठकर

सबका आदर करना सिखलाना होगा।

बेटियों को साथ साथ अब,

बेटों को समझाना होगा।

अपनी बहन हो या औरों की ,

सबका सम्मान बराबर हो।

मुश्किल में कोई दिखे अगर,

सहायता भी जरुरी हैं।

बिन राखी का भी रिश्ता ,

निभाना सिखलाना होगा।

बेटियों के साथ-साथ अब,

बेटों को समझाना होगा।

रुबी चेतन शुक्ला

अलीगंज

अलीगंज

   1
1 Comments

Arti khamborkar

21-Sep-2024 09:06 AM

v nice

Reply