बहन का आशीष -19-Aug-2024
विषय- मेरे भैया शीर्षक -बहन का आशीष
वो सब मिले जहाॅं में , जिसको भी भाई चाहे। तेरे पग पड़े जहाॅं भी, कामयाबी वहाॅं छाए। जीवन का कोई कोना, कभी रिक्त ना हो पाए। जहाॅं में जितनी खुशियाॅं, तेरे घर में सारी आएँ।
आशीष की छाॅंव घनेरी, चहुॅंओर से तुझको घेरे। निर्मल,स्वच्छ तेरा अंतर्मन, मलिनता न डाले डेरे। अंशुमान की प्रथम अंशु सा, यश फैले चहुॅं ओर घनेरे। तू मेरा चंदा, तू मेरा सूरज, सारे जग में करे उजेरे।
भाई नहीं अभिमान हमारा, मुझको तू है जान से प्यारा। जब भी फॅंसी भॅंवर में नैया आकर तूने उसे उबारा। मन मेरा जब भी विह्वल हो, तू भी विह्वल हुआ अपारा। बंशीधर जैसा मेरा भाई , हर विपदा में आन पधारा।
पतझड़ जब मेरे जीवन में, भूल से भी यदि आना चाहे। राह में उसको खड़े मिले तुम, बना मधुमास कभी ना डाहे। मेरी आंँखें नम यदि होवें, ख़ुशी की तू बन जाता फाहे। तेरा हाथ यदि मेरे सर पर, व्यवधान बदल दें अपनी राहें।
रिद्धि-सिद्धि तेरे घर में विराजें, सुख-समृद्धि चहुॅं पाॅंंव पसारें। तेरी दुनिया सदा हो रोशन, कृपा के पुष्प सदा प्रभु डारें। प्रेम के दीप से घर हो रोशन, मान- प्रतिष्ठा घर में पधारें। सौभाग्य के मीत बनो तुम, खुशियांँ खेले निशा-सकारे।
मन जब भी विचलित है होता, तेरी याद ही तब आती है। छोटा बन कर जन्म लिया है, बड़ों-सा एहसास करा जाती है । तुझसा भाई पास है जब तक, विपदा ना कोई आती है। किस्मत से तू हमें मिला है, जग करे रोशन वो बाती है
बंधन प्यार का कभी न टूटे, भाई-बहन का साथ न छूटे। खुशियों से तेरा भरा हो दामन, तुझसे अपने कभी न रूठें। तेरी हसरत हो झट से पूरी, ईश्वर करें कोई आस न टूटे। बिखरे सतरंगी सदा आभा, सुखों-खुशियों के जड़े हों बूटे।
जन्म दिवस की तुझे बधाई, व्याधि की कभी न पड़े परछाईं। मुकाम मिले तेरे हर सपनों को, खुशियाॅं हरदम लें अंगड़ाई। मिल जाए तुझे चहुॅं बुलंदी, सारा जग तेरी करे बड़ाई। यह राखी तुझे शुभ फल देवे, सदा ही कर तू नेक कमाई।
साधना शाही, वाराणसी
Arti khamborkar
19-Aug-2024 09:51 AM
nice
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