Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु विषय काश मेरी एक बहिन होती



काश मेरी एक बहिन होती...

मैं हमेशा से ही एक बहिन की तलाश में रहा हूँ। मेरे माता-पिता ने मुझे एक अच्छा भाई बनाने की कोशिश की, लेकिन मैं हमेशा से ही एक बहिन की कमी महसूस करता रहा।

मैंने अपने दोस्तों की बहिनों के साथ खेलने की कोशिश की, लेकिन वही नहीं था। मैं चाहता था कि मेरी अपनी बहिन हो, जिसके साथ मैं अपने दिल की बातें बांट सकूँ।

एक दिन, मैंने एक लड़की को देखा जो मेरी उम्र की थी। वह मेरे स्कूल में नई आयी थी और मैंने सोचा कि शायद वह मेरी बहिन हो सकती है।

मैंने उसे अपने पास बुलाया और उससे बात करने लगा। वह बहुत ही प्यारी और मीठी थी। मैंने उससे कहा कि मैं उसे अपनी बहिन मानना चाहता हूँ और वह मान गई।

हम दोनों ने एक दूसरे के साथ बहुत ही अच्छा समय बिताया। हमने एक साथ खेला, एक साथ पढ़ाई की और एक साथ घूमे। मैंने महसूस किया कि मेरी जिंदगी में एक बहिन की कमी नहीं है।

लेकिन एक दिन, वह लड़की मेरे स्कूल से चली गई। मैंने महसूस किया कि मेरी जिंदगी में फिर से एक बहिन की कमी हो गई है।

लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मैंने एक नई लड़की को देखा और उससे बात करने लगा। वह भी मेरी उम्र की थी और मैंने सोचा कि शायद वह मेरी बहिन हो सकती है।

और इस तरह, मैंने कई लड़कियों को अपनी बहिन माना, लेकिन कोई भी मेरी असली बहिन नहीं थी।

एक दिन, मैंने महसूस किया कि मेरी जिंदगी में एक बहिन की कमी नहीं है। मेरे पास तो मेरे दोस्त हैं जो मेरी बहिन की तरह हैं।

और इस तरह, मैंने अपने दोस्तों को अपनी बहिन मान लिया और हमने एक साथ बहुत ही अच्छा समय बिताया।

काश मेरी एक बहिन होती... लेकिन मैंने महसूस किया कि मेरे पास तो मेरे दोस्त हैं जो मेरी बहिन की तरह हैं।

यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसकी कोई बहिन नहीं है और वह एक बहिन की तलाश में रहता है।
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर

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1 Comments

hema mohril

07-Feb-2025 07:05 AM

v nice

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