Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय तुम्हारी आँखे



तुम्हारी आँखों में चाँदनी है,
तुम्हारी मुस्कान में खुशियों की बारिश है।
तुम्हारी आवाज में मधुरता का संगीत है,
तुम्हारी साथ में मेरी जिंदगी की खुशियाँ हैं।

तुम्हारी याद में मेरी जिंदगी है,
तुम्हारी प्यार में मेरी खुशियाँ हैं।
तुम्हारी मुस्कान में मेरी जिंदगी के सपने हैं,
तुम्हारी साथ में मेरी जिंदगी की खुशियाँ हैं।

तुम्हारी दुआओं में मेरी जीत है,
तुम्हारी रक्षा में मेरी जान है।
तुम्हारी प्यार में मेरी जिंदगी है,
तुम्हारी साथ में मेरी खुशियाँ हैं।

तुम्हारी मोहब्बत में मेरी जान है,
तुम्हारी साथ में मेरी खुशियाँ हैं।
तुम्हारी प्यार में मेरी जिंदगी है,
तुम्हारी साथ में मेरी जीत भी शामिल है। 
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर

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4 Comments

Babita patel

17-Jan-2025 07:18 PM

👌👌

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kashish

29-Sep-2024 01:19 PM

Awesome

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madhura

22-Sep-2024 11:27 AM

Amazing

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