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कैसे कैसे लोग

.......कैसे कैसे लोग.....

बात अपने पे आए तो,

लोगों के जज्बात बदल जाते हैं।

शब्दों के अर्थ और अर्थों के,

भी भाव बदल जाते हैं।

नही सोचते हैं कभी वो ,

किसी और के हित में,

बात उनके हित की हो तो ,

बाप भी बदल जाते हैं

लोग उठाते हैं उंगलियां अक्सर ,

दूसरों की तरफ ।

बाकी उन पर उठी हैं,

वो इस बात को भी भूल जाते हैं।

अपनी ही उंगलियां देती हैं हिदायत,

और सिखा देती हैं जीवन भर का सबक।

पहले खुद को टटोलो फिर ,

औरों से शिकायत किया करो।

क्योंकि शब्दों से मिल घाव,

कभी भी भर नही पाते।

औरों के दर्द से कहां होती है ,

यहां तकलीफ किसी को।

चोट खुद को लगी तो,

शिकायत क्या खूब होती है।

रुबी चेतन शुक्ला

अलीगंज

लखनऊ

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2 Comments

Arti khamborkar

19-Dec-2024 03:43 PM

fantastic

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HARSHADA GOSAVI

06-Dec-2024 11:59 PM

V nice

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