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मलंग -29-Nov-2024

प्रतियोगिता हेतू 
दिनांक: 29/11/2024
मलंग

साथ तेरा मुझे अहसास कराता है,
मैं भी ज़िंदा हूं यह याद दिलाता है।
तू है तो सबकुछ है मेरा इस जहां में,
तू नहीं तो मस्त मलंग हूं मैं इस जहां में।। 

रात ख़ामोश हो जाती है, 
शाम तन्हाई में गुज़र जाती है।
बात पूरी कहां हो पाती है?
नैनो से बरसात हो जाती है।
तू है तो सबकुछ है मेरा इस जहां में,
तू नहीं तो मस्त मलंग हूं मैं इस जहां में।।

ज़िंदगी किस तरह जिएंगे हम,
तेरे बगैर कैसे रहेंगे हम?
तू है संग ये दुनिया मेरे साथ है
तेरे बिना सूना मेरा धरती आकाश है।
तू है तो सबकुछ है मेरा इस जहां में,
तू नहीं तो मस्त मलंग हूं मैं इस जहां में।।

शाहाना परवीन 'शान'...✍️
मुज़फ्फरनगर

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4 Comments

Anjali korde

23-Jan-2025 06:05 AM

👌👌

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RISHITA

20-Jan-2025 05:41 AM

👌👌👌

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Arti khamborkar

19-Dec-2024 03:39 PM

amazing

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