Vinay Patel

Add To collaction

वेदना

वेदना

होती है जब हृदय में वेदना अपार 
याद आते हैं बस मेरे प्रभु आप 

करूं कैसे जीवन में उपकार 
मन-शरीर है आपका उपहार 

करें समर्पण अपना जीवन सारा 
होती है जिसमें करुणा अपार 

करता है अंत मृत्यु जीवन का 
जोड़ता है संबंध प्रभु से आपका 

होते हैं अनंत अश्रु करुणा में 
बहते हैं नदियों का रूप लेकर धरा में 

हे प्रभु करता हूं समर्पित 
खुशियां अपनी सारी 

करता हूं महसूस पीड़ा मैं 
आपके जीवन की सारी 
🖊️ विनय कुमार पटेल

   8
6 Comments

madhura

24-Jan-2025 05:26 AM

👌👌👌

Reply

Anjali korde

23-Jan-2025 05:53 AM

👌👌

Reply

kashish

22-Jan-2025 01:03 PM

fantastic

Reply