तमाशा -13-Jan-2025
प्रतियोगिता हेतु
दिनांक: 10/01/2025
तमाशा
तमाशा न बनाओ इस जीवन को
यह जीवन एक बार ही मिलता है।
मत व्यतीत करो रोकर दिन
रोने से किसका भला होता है?
तमाशा बनकर क्या जीना?
लोग उपहास उड़ाते हैं।
जी नहीं पाता कोई भी फिर
आंसू यूं ही बहते जाते हैं।
शाहाना परवीन'शान'...✍️
मुजफ्फरनगर
madhura
24-Jan-2025 05:25 AM
👌👌👌
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Anjali korde
23-Jan-2025 05:52 AM
👌👌
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kashish
22-Jan-2025 12:59 PM
v nice
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