दैनिक प्रतियोगिता हेतु विषय सादगी
✨ सादगी ✨
न चमकती रोशनी में, न शोर की बहार में,
सादगी बसती है, छोटे से परिवार में।
न हीरे की चमक, न मोतियों की लड़ी,
बस सरल मुस्कान, और मन की झड़ी।
न ऊँची हवेली, न राजमहल चाहिए,
दिल में प्रेम हो, बस वही पल चाहिए।
सादगी वह गीत है, जो हर दिल गुनगुनाए,
जिसमें अपनापन हो, और प्रेम बरसाए।
न दिखावे का रंग, न अभिमान का गहना,
जिसने इसे अपनाया, वही कहलाया अपना।
सच की राहों में, सादगी जब साथ होती,
ज़िंदगी आसान लगती, हर मुश्किल छोटी होती।
कभी नज़रें झुका कर, कभी हौले से हंस कर,
सादगी कहती है, चलो प्रेम से मिलकर।
इसमें न कोई चाल, न कोई बनावट,
सादगी में बसती है, सच्ची सजावट।
सुनीता गुप्ता
hema mohril
26-Mar-2025 05:03 AM
awesome
Reply
Varsha_Upadhyay
11-Feb-2025 10:02 PM
Very nice
Reply