जोश -18-Feb-2025
प्रतियोगिता हेतु
दिनांक: 17/02/2025
जोश
जोश कहते हो जिसे वह एक ख़ामोशी है
टूटते तारे की तरह एक मन्नत पुरानी है।
कहने को कह दो चाहे जितनी भी बार,
करते हो हमसे तुम मोहब्बत हज़ारों बार।
झूठ झलकता है तुम्हारी आँखो से
तुम्हारा दिल बहका है किसी और की बातों से।
पहचान गए हम यह मोहब्बत दिखावा है
तुम्हारे लबों पर छाई एक ख़ामोशी है।
जोश कहते हो जिसे वह एक ख़ामोशी है
टूटते तारे की तरह एक मन्नत पुरानी है।।
शाहाना परवीन'शान'...✍️
hema mohril
26-Mar-2025 04:56 AM
awesome
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Babita patel
18-Feb-2025 10:17 AM
V nice
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