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लेखनी कहानी -19-May-2025

बंसी

प्रेम  कि बंसी जब -जब बाजी,
राधे सुद-बुद खो कर नाची ।

रास करत श्री कृष्ण मुरारी,
राधे रानी,लागे अति प्यारी ।

नमो-नमो श्री कुंजबिहारी ,
जय-जय-जय श्री श्यामाप्यारी ।

राधे-राधे 🙏🙏

 कोमल खत्री,हज़ारीबाग़ (झारखण्ड)।

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