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Ham tumhen chahte Hain aise

नीली आँखों वाली लड़की, जिसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती थी। शायद ही किसी ने उसे उदास देखा हो। हँसती-खेलती, मुस्कुराती वह लड़की, जो एक हवा का झोंका थी; जिसके पास से गुज़र जाए, उसे गुदगुदा दे।

हमेशा खुश रहती थी। किसी ने उसे कोई बात सुनाई भी, तो उसने कभी मोड़कर जवाब नहीं दिया। मगर उसकी ज़िन्दगी में बहुत बड़ा दर्द था।

उसके बचपन में ही उसके पिता ने आत्महत्या कर ली थी। बिज़नेस में बहुत बड़ा नुकसान हुआ था। उसके पिता, राजेश गुप्ता, दिवालिया हो गए थे। उन्होंने शराब के नशे में अपनी पत्नी और खुद को गोली मार ली थी। उस समय जानवी घर पर नहीं थी; नहीं तो शायद वह जानवी को भी गोली मार देते। उनकी मौत के बाद उसके दादा-दादी उसे अपने साथ ले आए थे।

उसके दादा-दादी उसके पिता के बड़े भाई के परिवार के साथ रहते थे। जानवी अपने अंकल और आंटी के साथ रहती थी, जिनकी खुद की दो बेटियाँ और एक बेटा था। उसकी दादी इस दुनिया से जा चुकी थी और उसके दादाजी भी बीमार रहते थे। वे चाहते थे कि किसी अच्छे परिवार में जानवी की शादी कर दें, क्योंकि जानवी उनकी ज़िम्मेदारी थी और उसे छोड़कर उनके लिए मरना भी आसान नहीं था।

उसके दादाजी को उसकी बहुत चिंता थी। जानवी के लिए रिश्ते भी आए थे, मगर वे उसके दादाजी को पसंद नहीं आए थे। उसके दादाजी जानवी को किसी सुरक्षित हाथों में छोड़ना चाहते थे। जानवी 19 साल की हो चुकी थी, मगर उसमें बचपना बहुत था। ऐसा भी कह सकते हैं कि इसी बचपन के पीछे उसने अपने सारे दुःख-दर्द छुपाए हुए थे।

जानवी के दादाजी अपने लॉन में बैठे हुए थे। उनके पास ही राजन सिंघानिया और उनकी पत्नी जया आई हुई थीं। वे लोग बातें कर रहे थे। तभी जानवी की आंटी, तनु गुप्ता, एक नौकरानी के साथ अंदर से लॉन में आईं। नौकरानी के हाथ में चाय की ट्रे पकड़ी हुई थी।

"कैसी हैं जया जी आप?"

"बहुत दिनों बाद मिलना हुआ।" तनु ने जया से कहा।

"हम आपसे कुछ मांगने आए हैं।" जवाब में राजन सिंघानिया कहने लगे।

"क्या हुआ? आप ऐसा क्यों कह रहे हैं?"

"आप हुक्म कीजिए।"

"हमें जय के लिए आपके घर की बेटी चाहिए।" राजन जी ने कहा।

उनकी बात सुनकर तनु हैरान हो गई।

"सचमुच! हमें भला क्या एतराज हो सकता है? सोनिया अभी एमबीए कर रही है। पढ़कर भी उसे क्या करना है? आप कहो तो हम कल शादी कर देंगे।" तनु ने कहा, क्योंकि उसे लगा कि उसकी बड़ी बेटी सोनिया के लिए रिश्ता आया है।

"हमें सोनिया नहीं, जानवी चाहिए।" जया ने मुस्कुराकर कहा।

"मेरी उनसे बात हो चुकी है। उन्हें हमारी जानवी पसंद है।" दादाजी कहने लगे।

तनु गुप्ता के चेहरे का रंग ही उड़ गया।

"देखिए, एक तो वह छोटी है। फिर इसके अंकल से भी बात करनी होगी।"

"मुझे, मैंने उन्हें फोन कर दिया है। वे आते ही होंगे।" राजन सिंघानिया ने कहा।

तनु, जो अब तक खुश थी, अब उसका मूड खराब हो चुका था।

"आपको नहीं लगता जानवी और जय की उम्र में बहुत ज़्यादा फर्क है?"

तभी घर में एक गाड़ी आई। उस गाड़ी में से जानवी के अंकल, सोमनाथ गुप्ता, उतरे। वे जाकर जया और राजन सिंघानिया से मिले।

"मेरी बात हो चुकी है। उन्हें जानवी पसंद है।" सोमनाथ गुप्ता ने कहा।

"ज़रा आप मेरी बात सुनेंगे।" तनु कहने लगी।

"जाइए, आप भाभी जी से बात कर लीजिए।" राजन सिंघानिया ने कहा।

तनु और सोमनाथ उठकर दोनों अंदर चले गए।

अब बाहर दादाजी, जया और राजन थे।

"अब इस औरत को तो जानवी के लिए इतना अच्छा घर-बार कभी पसंद नहीं आएगा।"

"बात तो उसकी बिल्कुल ठीक है। जानवी और जय की उम्र में बहुत फर्क है।" जया ने कहा।

"मगर मुझे पता है... इस छोटी बच्ची को मैं आप लोगों को सौंप रहा हूँ, क्योंकि किसी भी वक़्त मेरी आँखें बंद हो सकती हैं। मेरे जाने के बाद उसे देखने वाला कोई नहीं होगा।"

"बिल्कुल, मेरे बेटे को भी जानवी जैसी ही लड़की की ज़रूरत है। सबसे बड़ी बात, वह मेरे स्वर्गवासी दोस्त की बेटी है। मैं उसे अपनी बेटी की तरह रखूँगा और जया के बारे में तो आप जानते ही हैं।" राजन ने कहा।

"बिल्कुल, असल में मुझे थोड़ा जय के बारे में सोचकर डर लगता है। फिर सोचता हूँ, आखिर है तो वह इसका ही बेटा। जितना प्यारा और मीठा स्वभाव जया का है, कोई तो असर उसमें भी होगा। मैं उम्मीद करता हूँ हमारा किया गया फैसला जानवी और जय दोनों के लिए बहुत ठीक रहेगा।"

"आप शादी के लिए हाँ कह रहे हैं? पागल हो गए हैं क्या? जहाँ पर हमारी सोनिया की बात करते हैं।" तनु ने कहा।

"नहीं, उन्हें सोनिया का रिश्ता नहीं चाहिए। उन्हें जानवी ही चाहिए। तुम नहीं जानती जयराज सिंघानिया को। बहुत अजीब सा आदमी है। मुझे सोनिया के लिए डर लगता है। सोनिया उसके साथ नहीं निभा सकती। इतना सनकी आदमी है, उसे तो कभी किसी ने हँसते हुए भी नहीं देखा। सोनिया उसके साथ एक दिन भी नहीं रह सकती। बिज़नेस के सिलसिले में मैं उससे बहुत बार मिला हूँ। हर किसी से तो वह अच्छे से बात भी नहीं करता। जानवी की शादी हो जाने दो, खुद देख लेना तुम।" सोमनाथ ने कहा।

"और उसका एक बच्चा है, सोनिया कैसे संभालेगी उसे? जानवी की शादी हो जाने दो, हमारे रिश्तेदारी होते ही हमें बहुत बड़ा कांटेक्ट मिल रहा है। सोनिया के लिए और बहुत से लड़के हैं मेरी नज़र में।"

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