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प्यार की बातें

प्रस्तावना

इश्क़ वो एहसास है जो दिल के सबसे कोमल कोने में बसता है। इश्क वो अहसास है, जो जुबां से नहीं आंखों से बया होता है । यह कहानी है दो दिलों की, जिनकी राहें कभी जुदा हुईं लेकिन उनकी मोहब्बत ने हर दीवार तोड़ दी। यह है — रिया और चंदर की कहानी। जो हमें इश्क करना और निभान भी अच्छे से सीखते हैं ।

कहानी

सपनो का शहर मुंबई की सर्द सुबह थी। हल्की-हल्की बूंदाबांदी हो रही थी। कॉलेज का पहला दिन था। चंदर कहीं खोया हुआ था ।bभीगे मौसम की खुशबू के साथ नए सपनों और उम्मीदों का कारवां लिए चंदर कॉलेज परिसर में कदम रखता है। वो मन– ही – मन उदास था । तभी उसकी नजर उस लड़की पर पड़ी, जो हल्के बैंगनी सलवार-सूट में भीगी सी आई थी — वो थी रिया। उसकी मासूम मुस्कान, बड़ी-बड़ी काली आँखें और बालों की लटें चेहरे पर पड़ती थीं । जब वो हंसती तो गालों में डिम्पल पड़ जाते थे ।

पहली नजर का जादू वही था। क्लासरूम में दोनों की सीट साथ ही लगी। पता नहीं चला क बातचीत शुरू हुई ।

दोस्ती कब प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला।

कॉलेज का कैंटीन, लाइब्रेरी, पार्क — हर जगह उनके साथ बिताए पल उनकी मोहब्बत को और गहरा करते गए।

लेकिन इश्क़ की राहें कभी सीधी कहाँ होती हैं?

चंदर का परिवार परंपराओं में बंधा था। वे रिया को उसकी साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण अपनाने को तैयार नहीं थे। इधर रिया के घर वाले भी चाहते थे कि वह जल्द किसी और से शादी कर ले।

समाज की बंदिशें और परिवार का दबाव उनके बीच दीवार बनने लगा। रिया ने मजबूरी में चंदर से दूरी बनानी शुरू कर दी।

चंदर के लिए यह दूरी असहनीय थी। उसने तय किया कि अब इस कहानी को अधूरा नहीं रहने देगा।

मिलन का वो दिन

एक शाम, वही कॉलेज का पुराना गार्डन — जहाँ से उनकी कहानी शुरू हुई थी। चंदर ने रिया को बुलाया।

चंदर ने रिया से कहा: "रिया, अगर मोहब्बत इतनी आसान होती तो हर कोई इसे पा लेता। मैं तुम्हारे बिना अधूरा हूँ। क्या तुम मेरा साथ दोगी इस मुश्किल सफर में?"

रिया की आँखों में आंसू थे। लेकिन उन आंसुओं में अब मजबूरी नहीं, मोहब्बत बोल रही थी।

रिया बोली: "चंदर, मैंने कभी किसी और को चाहा ही नहीं। तुम्हारे साथ हर मुश्किल आसान लगेगी। मैं तुम्हारे साथ हूँ।"

एक नई शुरुआत

फिर दोनों ने अपने परिवारों को मनाने की कोशिशें शुरू कीं। समय के साथ परिवार भी उनकी सच्ची मोहब्बत को समझ गए और दोनों के रिश्ते को अपनाया।

आज रिया और चंदर खुशहाल दांपत्य जीवन जी रहे हैं। जब भी बारिश होती है, दोनों अपने पुराने कॉलेज गार्डन में जाते हैं — जहां से उनकी मोहब्बत ने पहली सांस ली थी। बारिश की हर बूंद उन्हें उनकी पहली मुलाकात की याद दिलाती है।

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