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लेखनी कहानी -04-Jul-2025

आत्मचिंतन

आत्मचिंतन क्या है ?

आत्म - चिंतन का मतलब होता है अपने आप का चिंतन करना अवलोकन करना । अपने विचारों का, भावनाओं का ,और कार्यों का मूल्यांकन करना । यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें इंसान खुद अपने अनुभव को गहराइयों के साथ विचार विमर्श करता है । अपनी शक्तियों को, कमजोरियों का पहचानता है उस पर अमल करता और भविष्य में उस विचार पर काम करता है।

मेरा यह लेख बेशक साधारण सा है क्यों कि सभी लोग जानते है, लेकिन यह लेख उन युवा पीढ़ी को है जो डिप्रेशन से पीड़ित है , मानसिक विकारों से जूझ रहे हैं उन्हें लगता है कि उनकी परिस्थिति सबसे अलग है कोई समझ नहीं सकता , दूसरों पर गुस्सा करना ईर्ष्या करना उनकी आदतन बन जाती है खासकर जब कोई उन्हें समझाता है । वो मन पर एक अलग सा बोझ लेकर चलते हैं। लेकिन क्या वो यह सोचते हैं कि मन का बोझ ढोने से अच्छा उनका आत्मचिंतन ही उनके एक अच्छे भविष्य का निर्माता है । यही सबसे बड़ा वो पायदा है,जो शतरंज के खेल में जीत हासिल करने जैसा है ।

आत्मचिंतन के पहलू ##### आत्मजागरुकता #### लक्ष्य - निर्धारण ###### सुधार ####### लचीलापन##### निरंतर सुधार ######

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