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तन्हाई

       तनहाई


तेरे जाने के बाद अब अक्सर मेरी तन्हाई ही मुझसे बातें किया करती है,
विरान सी जिंदगी में ना अब कोई रंग भरा करती है। 
अब पहले जैसी कोई बात ना रहीं,
तेरे इंतज़ार की अब ना कोई आस भी रही। 
ना जाने क्यों लोग क्यों तन्हा करके चले जाते हैं,
फिर ना कभी वापस आने के लिए,
क्या बताऊँ कैसे मैंने दिन रात गुजारें है,
तेरी यादों के सहारे मैंने अपने नींदें भी वारे है
तेरे जाने के बाद अब अक्सर मेरी तन्हाई ही मुझसे बातें किया करती है। 
ना अब रुठना मनाना है ना अब किसी का सताना है,
बस रह गयी है सिर्फ तेरे यादें। 
तेरे जाने के बाद भी अक्सर मेरी तन्हाई ही मुझसे बातें किया करती हैं।। 

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