कवित्व
#कवित्व
फिल्मकार रचता रहा मुहब्बत के किरदार सभी,
हर कलाकार दिखावे की अदाकारी कर गया।
दो गज जमीन का मोहताज था यहाँ पर जो,
वो शख्स भी सब पाकर यहाँ गद्दारी कर गया।
दोलत शोहरत पाकर तो सब पागल हो जाते है।
अपना कहने वाला भी अक्सर मक्कारी कर गया।
कवि लिखता रहा कविता, सत्य की स्याही से,
महफ़िल में नम आँखें सुना वो सारी कर गया।
मजहब के नाम पर बाट रखा है सबने जिसको,
एक वैरागी एकता की उसमें चित्रकारी कर गया।
न झुका सका कोई हमारे स्वाभिमान को आज तक,
हर सिंह आजाद होकर वतन से वफादारी कर गया।
कुमार आनन्द
Khushi jha
29-Oct-2021 01:56 PM
वाह जी वाह
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ऋषभ दिव्येन्द्र
28-Oct-2021 01:26 PM
जबरदस्त बन्धु जबरदस्त 👌👌👌👌
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Zakirhusain Abbas Chougule
28-Oct-2021 09:55 AM
Nice
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Kumar Anand
28-Oct-2021 11:40 AM
Thanks 🙏🏻🙏🏻
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