Kumar Anand

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कवित्व

#कवित्व 

फिल्मकार रचता रहा मुहब्बत के किरदार सभी, 
हर कलाकार दिखावे की अदाकारी कर गया। 

दो गज जमीन का मोहताज था यहाँ पर जो, 
वो शख्स भी सब पाकर यहाँ गद्दारी कर गया। 

दोलत शोहरत पाकर तो सब पागल हो जाते है। 
अपना कहने वाला भी अक्सर मक्कारी कर गया। 

कवि लिखता रहा कविता, सत्य की स्याही से, 
महफ़िल में नम आँखें सुना वो सारी कर गया। 

मजहब के नाम पर बाट रखा है सबने जिसको, 
एक वैरागी एकता की उसमें चित्रकारी कर गया। 

न झुका सका कोई हमारे स्वाभिमान को आज तक, 
हर सिंह आजाद होकर वतन से वफादारी कर गया।

कुमार आनन्द

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8 Comments

Khushi jha

29-Oct-2021 01:56 PM

वाह जी वाह

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जबरदस्त बन्धु जबरदस्त 👌👌👌👌

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Zakirhusain Abbas Chougule

28-Oct-2021 09:55 AM

Nice

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Kumar Anand

28-Oct-2021 11:40 AM

Thanks 🙏🏻🙏🏻

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