यादें
युँ तो हम हर बात भूल जाते हैं,
तेरा मिलना हम ना भूला पाए ।
तेरा सताना ,तेरा मुस्कुराना ना भूल पाए ।
युँ तो हम हर बात भूल जाते हैं,
अपना हर दर्द, हम भूल जाते हैं,
पर जो तूने दिया उसे भूल ना पाएं।
युँ तो हम हर बात भूल जाते हैं,
तेरी बातें, तेरी मुलाकातें, तेरा रूठना, मेरा मनाना,
सब कुछ कैसे याद हैं मुझे, जैसे तू कोई और नहीं,
दो जिस्म एकजान हो जैसे,
ना वक्त का पता है ना खुदका ,
बस कट रही है ये जिन्दगी तेरी यादों के सहारे,
युँ तो हम हर बात भूल जाते है,
पता नहीं तुझे कैसे भूल ना पाए,
क्या तुझे भी सब याद है ?
या फिर तुझे भी सब भूल जाने की आदत है ?
ए जिन्दगी थोड़ासा रहम कर ,
उसे भूल जाऊं कुछ ऐसा करम कर ।।।
संजय भास्कर
14-Apr-2021 03:25 PM
बहुत ही बेहतरीन रचना
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Abhishek sharma
31-Mar-2021 11:21 PM
very good
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Sapna shah
01-Apr-2021 09:28 AM
Thanks
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Apeksha Mittal
31-Mar-2021 09:33 PM
बहुत अच्छी कविता लिखी मेंम
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Sapna shah
31-Mar-2021 10:13 PM
Thank u ☺
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