Harpreet Kaur

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बचपन

बचपन का वो लम्हा बहुत याद आता है।
जिसे सोचकर चेहरा खिल जाता है।
वो भाई बहन का झगड़ा,उनके बिना एक पल न रह पाना,गलती ना होते हुए भी उन्हें मनाना हर पल याद आता है।
नाना, नानी जी का प्यार याद आता है।
छोटी होने के कारण उनका मुझसे जादा स्नेह,प्यार पर मन इठलाता है।
नानी का घर पास होने के कारण जब मां के हाथ की सब्जी का न पसंद आना। तो कटोरी लेकर नानी के यहां जाना और उन्होंने मेरे लिए ही सब्जी रखना, और भाई बहन को ना बताना ये कहना।
छोटी होने के कारण नानी की सब्जी पर भाई बहन को चिढ़ाना याद आता है।
बचपन का वो हर लम्हा याद आता है।

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