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कन्यादान बिटिया का

कन्यादान बिटिया का


मनहरण घनाक्षरी


कन्यादान बिटिया का 

माँ बाबा की चिंता का,

स्वावलंबी बनाकर 

बेटी विदा करिये।


बेटी को भी पढ़ाना है

लायक भी बनाना है,

अपने पैरों खड़ी हो

यत्न  ऐसा  करिये।


बेटी शिक्षित होगी 

बुरा भला समझेगी,

दुष्टों से लड़ सकती

ये भी तो समझिए।


कम उम्र में शादी हो

बेटी की बरबादी हो,

आश्रित होकर रहे।

ऐसा  मत  करिए।


बेटी है सामान नहीं

प्रदर्शन  वस्तु नहीं,

उसे सजाकर कभी

चाय ले न  भेजिये।


समय वो चला गया

नया समय आ गया,

बेटी गई चाँद पर

गर्व अति करिये।


बिटिया बने अभिमान

तब करें कन्यादान,

नाम ऊँचा हो उसका

खूब खुश होइए।


स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'




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6 Comments

Swati chourasia

12-Nov-2021 07:46 PM

Very beautiful 👌👌

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Sneh lata pandey

12-Nov-2021 08:03 PM

Thanks

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Niraj Pandey

12-Nov-2021 11:09 AM

बहुत ही बेहतरीन👌

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Gunjan Kamal

12-Nov-2021 11:07 AM

शानदार अभिव्यक्ति 👌👏🙏🏻

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