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शिकायत जो होती!

शिकायत  जो  होती,  बता देते
ये आपकी आदत, क्या रज़ा देते
करके गुनाह तेरी गली से गुजरते
फिर गुनाह करने की वजह गिना देते।

कहता,आबोहवा में डर घुल गया है
सांस कैसे लूं,यहां जहर घुल गया है
तकल्लुफ में है, हर सांस मेरी देखो
ये अदायत आपको भी सीखा देते
शिकायत  जो  होती,  बता देते
ये आपकी आदत,क्या रज़ा देते!

झूठ बोलने के लोग अब शौकीन हैं
भीतर से कड़वे, बाहर नमकीन हैं
लोगों के बनावट ने तोड़ा है मुझको
कुछ ऐसी बनावट हम बना लेते
शिकायत  जो  होती,  बता देते
ये आपकी आदत,क्या रज़ा देते!

यहां सब भेद है, भाव कहां है फिर
ये तो बस छेद है, नाव कहां है फिर
बहती गंगा में धो लेते हाथ फिर या
उल्टी गंगा की धारा हम बहा लेते
शिकायत  जो  होती,  बता देते
ये आपकी आदत,क्या रज़ा देते!

नहीं कोई शिकायत तुमसे अब है
लोग हैं, लोगो से होते रहता सब है
अपनी करनी पर मिट्टी डाल कर
दूसरों के गड़े मुर्दे उखड़वा लेते
शिकायत  जो  होती,  बता देते
ये आपकी आदत,क्या रज़ा देते!

#MJ
#प्रतियोगिता

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14 Comments

Swati chourasia

13-Nov-2021 08:33 PM

Very beautiful 👌

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Thank you so much ❤️

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Seema Priyadarshini sahay

13-Nov-2021 04:54 PM

वाह बहुत खूबसूरत

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Thank you so much ❤️

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Fiza Tanvi

13-Nov-2021 02:37 PM

Good

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Dhanyawad

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