Archit Savarni

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बचपन

      💞🌸बचपन 🌸💞
यादों के मेले में खोया खोया जीवन,
कुछ-कुछ बचकानी यादों संग झूमता हुआ मन!
कभी बिना कहे मुस्कुराना, कभी बिना कहे ही रूठ जाना,
आजाद परिंदों की तरह मन की उड़ान को भरता वह खूबसूरत पल!!
जिज्ञासाओं को साथ लिए, नई आशाओं के किरणों को साथ लिए,
एक नयापन के साथ, ताजगी भरी ख्वाबों में झूमता हुआ मन!

      कभी-कभी सपनों में चमकते हुए तारों के बीच जाते हुए,
                 कभी-कभी बादलों के साथ उड़ते हुए,
                    कभी परियों के साथ खेलते हुए
              तो कभी चांद को छूने की कोशिश करते हुए,
खूबसूरत सपनों के संसार में सुंदर यादों को सजाता हुआ मन!!

मां के आंचल की छांव में, पिता के स्नेह में, अपनों के प्यार में,
         सुकून की सांसे लेता हुआ जीवन!!

     कभी-कभी बारिशों में कागज की नाव बनाकर खेलना,
           रंग-बिरंगे पतंगों को आसमान की सैर कराना,
             शरारत भरी मस्तियों में बेतहाशा खूब हंसना,
        किसी के डांटने पर मायूसी भरी निगाहों से देखना,
अनगिनत यादों को  साथ लेता हुआ ,यही तो है हम सब का बचपन!!😊💞
                             - Archit Savarni😊🙏


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1 Comments

Dr. Arpita Agrawal

05-Jun-2022 12:06 AM

बेहतरीन 👌👌बचपन की यादें सबसे सुहावनी होती हैं 👌👌

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